देहरादून : 26 सालों से पुलिस को चकमा देकर फ़रार चल रहे अपराधी को आख़िरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। डीआईजी और देहरादून एसएसपी की कप्तानी और दून पुलिस और एसओजी की मेहनत से दूसरे राज्य से आरोपी 59 की उम्र में दबोच लिया गया।26 साल में कई एसएसपी और एसपी आए लेकिन 2020 में जो हुआ वो देख खुद आरोपी भी हैरान होगा। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के निजि सचिव की फर्जी संस्तुति पर शस्त्र लाइसेंस बनाने के अपराध में थाना कैंट में मुक़दमा दर्ज किया गया था। अरोपी शांति स्वरूप तिवारी ने रिवाल्वर की संस्तुति के लिए पूर्व सीएम के सचिव का फर्जी पत्र डीएम कार्यालय में जमा किया था। मामला 26 साल पहले का है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे एनडी तिवारी के निजी सचिव का फर्जी प्रमाण पत्र लगाने के मामले में आपराधी फरार चल रहा था। पुलिस और एसओजी की टीम ने संयुक्त कार्रवाई कर पलवल हरियाणा से अपराधी को गिरफ्तार कर लिया है।
चेहरा बदला लेकिन दून पुलिस ने पहचान कर धर दबोचा
26 साल से फरार आरोपी पर डीआईजी औऱ देहरादून एसएसपी की कप्तानी भारी पड़ी। 26 साल से फरार आरोपी का चेहरा बदल गया और 59 साल की उम्र में वो पुलिस की पकड़ में आ ही गया। आरोपी पर डीआईजी और एसएसपी अरुण मोहन जोशी की कप्तानी भारी पड़ गई। चेहरा बदला उम्र ढली लेकिन वो देहरादून पुलिस की पकड़ में आ ही गया। दून पुलिस और एसओजी की टीम हरियाणा से आरोपी को धर दबोच लाई।
मामला साल 1994 का
पुलिस द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक मामला साल 1994 का है जहां डॉक्टर शांति स्वरूप तिवारी ने रिवाल्वर का लाइसेंस लेने के लिए आवेदन किया था जिसमे आवेदक ने साथ में पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी के निजी सचिव का फर्जी संस्तुति पत्र संलग्न किया था। जो जांच में फर्जी पाया गया था। सीआईडी लखनऊ ने इसकी जांच की थी और वर्ष 2012 में इस अपराधी को इनामी अपराधी भी घोषित किया गया था। जिसको पुलिस ने 26 साल बाद हरियाणा से गिरफ्तार किया है।