देहरादून : जाहिर सी बात है कि अगर हमारे खिलाफ कोई कुछ भी झूठ बोले और झूठी या भ्रामक बात फैलाए या हमारी परेशानी के समय में हमें और दुख और परेशान करे तो हमको भी गुस्सा आएगा और हम अपना गु्स्सा और फ्रस्टेशन उसके और उसके पूरे परिवार पर निकालेंगे….वो ऐसे कि….हम उसके लिए यहीं कहेंगे की कैसा झूठा इंसान है…इसके माता-पिता ने इसे यही सिखाया है. हम एक की गलती के लिए उसके पूरे परिवार और उसकी संगति में रहने वालों को जिम्मेदार ठहराएंगे.
एक की गलती का खामियाजा उससे संबंधित सबको भुगतना पड़ा
जिसका असर उत्तराखंड में देखने को मिला. जी हां ऐसा ही कुछ हुआ है राजधानी देहरादून में…जहां एक की गलती का खामियाजा उससे संबंधित सबको भुगतना पड़ा और सब पर एक सवालिया निशान खड़ा हुआ.
शहीद वीएस ढौंडियाल के परिजन मीडिया से नाराज
गौर हो की बीते दिनों(17 फरवरी) आतंकी मुठभेड़ में देहरादून नेशविला रोड़ निवासी मेजर वीएस ढौंडियाल शहीद हो गए थे. जिसके बाद उनका पार्थिव शरीर उनके आवास में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था…इस दौरान जान पहचान वालों से लेकर अंजान व्यक्ति वहां शहीद के अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे थे. हर टीवी चैनल, सोशल मीडिया पर शहीद की शहादत को याद औऱ सलाम किया जा रहा था और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए जा रहे थे.
इससे शहीद के परिजनों को गु्स्सा आना लाजमी था
वहीं इस दौरान दूसरी तरफ उत्तराखंड के कुछ न्यूज पोर्टलों द्वारा बीते दिनों (जो की दावा करते हैं कि हमारा पोर्टल उत्तराखंड में सबसे ज्यादा पढ़ा जाता है) टीआरपी पाने के लिए झूठी भ्रामक मौत की खबर प्रकाशित की गई. जब इसका पता शहीद के परिजनों को लगा तो वो आहत हुए और उन्होंने मीडिया के प्रति नाराजगी जताई. जी हां आपको बता दें शहीद के अंतिम दर्शन के दिन ही कई न्यूज पोर्टलों ने शहीद की सास की मौत की भ्रामक खबर प्रकाशित..जबकि शहीद की सास सही सलामत हैं…अब इससे शहीद के परिजनों को गु्स्सा आना लाजमी था. इस खबर को doon police ने भी अपने पेज पर प्रकाशित कर इसे झूठी खबर बताया था और लोगों से अपील की थी सोच समझ कर शेयर करें.
नेता प्रतिपक्ष को सुनाई खूब खरी खोटी
वहीं दूसरी और जब नेता प्रतिपक्ष औऱ हरीश रावत वहीं शहीद के घर सांत्वना देने पहुंचे तो इस दौरान उनके साथ गुए कुछ लोग फोटो औऱ वीडियो बनाने लग गए जिसका विरोध परिजनों ने किया…साथ ही शहीद के परिजनों ने न सिर्फ साथ आए लोगों को बल्कि नेताप्रतिपक्ष को खूब खरी खोटी सुनाई.
शहीद के परिजनों के करीबियों का कहना है कि शहीद के परिवार वाले इस बात को लेकर काफी नाराज हैं कि उनके परिजनों को लेकर भ्रामक खबरें सोशल मीडिया पर प्रशारित की जिससे मीडिया के प्रति उनमें काफी नाराजगी है और वो मीडिया से बात करने से परहेज कर रहे हैं.
कलम की ताकत का आज के समय में कई जगह गलत और लालच में इस्तेमाल ज्यादा किया जा रहा है.