देहरादून. पूरा देश जानता है कि पीएम नरेंद्र मोदी 21 जून यानि का कल गुरुवार को योग दिवस के मौके पर देहरादून योग करने आए थे. इस दौरान 50 हजार से अधिक लोगों ने योग किया था. सरकार ने हर व्यवस्था चाक-चौबंद कर रखी था भले ही कुछ ही घंटों के लिए ही सही.
शासन-पुलिस प्रशासन से लेकर हर कोई पुख्ता इंतेजाम में लगा हुआ था ताकि कोई चूक न हो. कई रास्ते डायवर्ट किए गए. हर ओर पीएम मोदी के पोस्टर नजर आए. खास तौर पर घंटाघर से आते हुए चकराता रोड़ और बल्लूपुर की ओऱ हर ओर पीएम मोदी के पोस्टर नजर आए. बड़े से वेक्यूम क्लीनर से रास्तों की सफाई की गई. 3000 से अधिक पुलिस अधिकारियों को ड्यूटी पर तैनात किया गया बाकी सिक्योरिटी अलग.
क्या सरकार को अब भी होगी उतनी ही फिक्र जितनी पीएम मोदी के आने पर हुई
जहां सड़कें नहीं थी सड़क बनाई गई. एफआरआई में पेड़ों तक को छाना गया. लेकिन पीएम मोदी के जाने के बाद एफआरआई का जो हाल हुआ वो शायद ही कभी हुआ हो. हर ओर कूड़ा-कचरा. हर ओर पानी की बोतलें, पॉलीथिन, और खाने का सामान बिखरा पड़ा था. क्या सरकार को उतनी ही फिक्र पीएम मोदी के जाने के बाद एफआरआई में फैले इस कचरे की, सड़कों को की होगी. मानते हैं कि कचरा फैलाने में जनता की भी गलती है लेकिन जो व्यवस्था पीएम के आने के दौरान की वो जाने के बाद क्यों नहीं कर सकते?
त्रिवेंद्र सरकार में दिखा पीएम मोदी का खौफ
लेकिन पीएम मोदी तो चले गए थे अब कौन देखेगा साफ-सफाई क्योंकि सरकार को जनता की थोड़ी फिक्र है उन्हें तो मोदी जी का खौफ था. औऱ खौफ भी ऐसा की कहीं कोई कमी नजर नहीं आई और उनके जाने के बाद का जो नजारा था वो देखने वाला था.
काश ऐसा होता कि जनता सरकार सेे जो भी समस्या का निवारण चाहती है वो पीएम मोदी से कह पाते. चाहे कुछ होता या न होता लेकिन इससे सरकार पर जरुर खौफ पैदा हो जाता. लेकिन उस दौरान तो सरकार ने ऐसा कर रखा था जैसे दिवारों पर नया पेंट कर दिया जाता है.
ऐसा काम हमेशा करती सरकार तो बात कुछ और ही होती
खैर इसे पीएम मोदी का खौफ ही कहेंगे जो सरकार के चेहरे पर और उनके दिलों दिमाग पर साफ दिख रहा था तभी तो चंद मिनटों में वो काम किया जिसका भाषणों में जिक्र किया करते थे. मोबाइल टॉयलेट वैन, साफ-सफाई, सड़के औऱ न जाने क्या-क्या. खैर अदर सरकार ने जैसा काम पीएम मोदी के आने पर किया ऐसा अगर हर दिन और हर जनता को मुहैया कराया जाता तो बात कुछ औऱ ही होती.