योग एक प्राचीन परंपरा और आध्यात्मिक अनुशासन है-राज्यपाल
राज्यपाल ने कहा कि योग एक प्राचीन परंपरा और आध्यात्मिक अनुशासन है, जिसमें तन, मन और प्रकृति के बीच एकात्म भाव स्थापित किया जाता है। ‘योग’ शब्द संस्कृत से आया है, जिसका मतलब मेल होता है। अतः योग न सिर्फ शारीरिक अभ्यास या व्यायाम है, बल्कि यह विचारों और कार्यो के बीच संतुलन और ताल-मेल स्थापित करने का माध्यम भी है। योग स्वस्थ तन-मन के लिए समावेशी दृष्टिकोण के साथ शारीरिक व मानसिक ऊर्जा को सुव्यवस्थित करने का साधन है।
योग मन की एकाग्रता बढ़ाता है।- राज्यपाल
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने आह्वाहन किया कि संकल्प लेना होगा कि योग को अपनाकर, योग में निहित विश्व शान्ति, स्वास्थ्य और प्रेम की भावना का संचार करें। योग मन की एकाग्रता बढ़ाता है। स्वस्थ मन और निरोगी काया के लिए योग आवश्यक है। स्वस्थ जीवन जीने की भारत की इस प्राचीन और विशुद्ध वैज्ञानिक शैली को अपनाने के लाभ ही लाभ हैं। आज अधिकांश लोग आधुनिक जीवन शैली से उत्पन्न तनाव, ब्लडप्रेशर, तथा मधुमेह जैसी समस्याओं से ग्रसित हो रहे हैं। ऐसे में ‘योग’ ही ऐसा विशुद्ध और कारगर समाधान है जो सकारात्मक ऊर्जा का संचार करके, स्वस्थ व सहज जीवन जीने की शक्ति दे सकता है।
इस अवसर पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने योगा प्रशिक्षकों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए।