गौर हो कि राजपुर रोड़ स्थित पेस्टल वीड स्कूल मे कक्षा 9 मे पढ़ने वाली छात्रा के साथ स्कूल के स्विमिंग कोच द्वारा छेड़छाड़ का मामला सामने आया था जिसमे पीड़िता के अभिभावकों द्वारा प्रेस वार्ता करके मामले का खुलासा किया गया. जहां एक ओर स्कूल प्रशासन द्वारा इस मामले को दबाने के लिए हर प्रकार अभिभावकों पर निरंतर दबाव बनाया…वहीं इस घटना के खिलाफ नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स और उत्तराखंड महिला मंच, जनादेश मंच, पियुपल्स फोरम उत्तराखंड ने आज बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा ऊषा नेगी, CBSE बोर्ड के निदेशक रणबीर सिंह व मुख्य शिक्षा अधिकारी एस०बी०जोशी को ज्ञापन सौंपा.
जिस पर बाल आयोग की अध्यक्षा ने तुरंत स्कूल के लिए जांच टीम गठित कर स्कूल के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया.
निदेशक रणबीर सिंह ने सीधे तौर पर अपना पल्ला झाड़ा
वहीं CBSE बोर्ड के निदेशक रणबीर सिंह ने सीधे तौर पर अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह मामला ज्यूडिशियल और बाल आयोग से जुड़ा है तो वह इसमे इस ज्ञापन को अपने हेड ऑफिस भेजने के अलावा आपकी या पीड़ितों की कोई मदद नही कर सकते. मुख्य शिक्षा अधिकारी एसबी जोशी ने कल ही अपनी टीम के साथ स्कूल जाने के साथ साथ आज ही स्कूल को नोटिस जारी कर दिया है.
वहीं नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने स्पष्ट कहा है कि कोई भी निजी स्कूल किसी भी बच्चे का किसी भी प्रकार से शारीरिक या मानसिक शोषण नहीं कर सकता और जब तक पीड़िता को न्याय नही मिल जाता और ऐसे स्कूल के खिलाफ कोई कार्यवाही नही हो जाती जिसने हाई कोर्ट के आदेशों को दरकिनार करके अपने ही हिसाब से स्कूल का संचालन किया है तब तक NAPSR अविभावकों और छात्र-छात्राओं के हित की लड़ाई लड़ते रहेंगे.
ज्ञापन देने वालों मे शकुंतला गुंसाई ,भार्गव चन्दोला, सरदार हरकिशन, बहादर सिंह रावत, शीला रावत, जयकृत कंडवाल पदमा गुप्ता, प्रभा नेगी, मानदेव क्षेत्री , इत्यादि लोग मुख्य रूप से शामिल रहे.
GRD स्कूल में छात्रा के साथ हुए गैंगरेप का मामला ठंडे बस्ते में, प्रबंधन के लोग खुलेआम घूम रहे
गौर हो की भाऊवाला स्थित जीआरडी वर्ल्ड बोर्डिंग स्कूल में हाईस्कूल की नाबालिग छात्रा से 14 अगस्त को हाईस्कूल और इंटर के चार छात्रों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। घटना के बाद छात्रा गर्भवती हो गई। उसने आया मंजू को यह बात बताई तो प्रबंधन इस प्रकरण को रफा-दफा करने में जुट गया। छात्रा को धमकी दी गई कि वह किसी को यह बात न बताए। इसके बाद निदेशक लता गुप्ता के कहने पर प्रशासनिक अधिकारी दीपक मल्होत्रा और उसकी पत्नी तन्नू ने छात्रा को देसी दवा दी, जिससे उसका गर्भपात हो गया। इस बीच जब रक्तस्त्राव नहीं रुका तो छात्रा को एक नर्सिंग होम में भी उपचार के लिए ले जाया गया।
इस बीच छात्रा ने किसी तरह परिजनों को यह बात बताई और प्रकरण में कार्रवाई हुई। मामले में स्कूल की प्रबंधक, प्रधानाचार्य, प्रशासनिक अधिकारी समेत कुल नौ लोगों पर पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। आरोपितों में तीन छात्र नाबालिग हैं।