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देहरादून : DIG की कप्तानी पड़ी भारी, लूट का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, एक खुद गया जेल

Reporter Khabar Uttarakhand
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DIG ARUN MOHAN JOSHI

देहरादून : डीआईजी की कप्तानी आरोपियों पर इतनी भारी पड़ रही है कि डर के मारे खुद जेल में जा रहे हैँ। जी हां बता दें कि मामला पटेलनगर का सर्राफा व्यापारी से हुई लूट का है जिसमे पुलिस दो आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी। एक आरोपी को शाहदरा और दूसरे आरोपी को पलवल से गिरफ्तार किया गया था।

वहीं अब सर्राफा लूट मामले का मुख्य आरोपी यानी की मास्टरमाइंड नईम कुरैशी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। डीआईजी की लगाई गई फील्डिंग से आरोपी बच नहीं पाया और धर दबोचा। वहीं बता दें कि डीआईजी की कप्तानी का अपराधियों में इतना खौफ है कि इस मामले मे एक अन्य वांछित आरोपी फैजल चौधरी अपनी पुराने मामले में बेल तुड़वाकर वापस मुफ़्फ़रनगर जेल चला गया है। कहा जा रहा है कि आरोपी को पता था कि वो दून  पुलिस से बच नहीं पाएगा और इसलिए वो खुद जेल चला गया। हालांकि इस गिरफ्तारी की अभी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। आशंका है कि डीआईजी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका खुलासा करेंगे।

खुलासा हुआ है कि चार लोगों ने मिलकर इसको अंजाम दिया। दो बाइकों पर चार बदमाश आए और घटना को अंजाम देकर फरार हो गए। वहीं दो को गिरफ्तार किया है और दो फरार थे। मामले के खुलासे के लिए दून पुलिस ने शहर भर में चेकिंग की औऱ आठ टीमें गठित कर लगाई गई।  पुलिस टीम द्वारा उक्त रूट के लगभग 500 सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों को चैक किया गया। 200-300 व्यक्तियों की सूची तैयार कर इनकी लोकेशन चेक की गई। चारों अभियुक्तों के मोबाइलों की लोकेशन उनके निवास स्थानों मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर तथा दिल्ली पर होनी पायी गयी। सीसीटीवी फुटेज से प्राप्त अभियुक्तों के हुलिये हालांकि उनकी फोटो से मेल खा रहे थे।

जांच में सामने आया कि…

1: घटना के दिन अभियुक्तों के मोबाइल फोन तो ऑन थे पर केवल मैसजों का आदान प्रदान हो रहा था। कोई इनकमिंग या आउट गोइंग काल नहीं थी।
2: अभियुक्तों के मोबाइल नम्बरांे की जानकारी में कुछ ऐसे सम्पर्क नम्बर प्राप्त हुए जिन पर उन नम्बरों से लगातार काल किये जाते थे, ऐसे नम्बरों की सूची तैयार कर उनके सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने पर घटना के दिन उसी समयावधि में जब अभियुक्त जलालाबाद में मौजूद थे, उक्त नम्बरों पर जलालाबाद के कुछ नम्बरों से काल किया जाना प्रकाश में आया, जिससे पूर्व में उक्त नम्बरों पर कभी काल नहीं की गयी थी। पुलिस द्वारा ऐसे नम्बरों की सूची तैयार की गयी।
3: उक्त नम्बरों को तस्दीक करने पर नम्बर धारक व्यक्तियों द्वारा बताया गया कि अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अपने फोन के काम न करने की बात कहकर जरूरी बात करने के लिए उनसे फोन मांगकर उक्त कालों को किया गया है।
04: नम्बरों की तस्दीक करने के दौरान उनमें से एक मोबाइल नम्बर उसी मैकेनिक का होना प्रकाश में आया जिसकी दुकान पर संदिग्ध अभियुक्तों की सीसीटीवी फुटेज प्राप्त हुई थी। जिस पर पुलिस टीम को पूर्ण अंदेशा हो गया कि उक्त अभियुक्त शातिर किस्म के अपराधी हैं जो घटना के समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करते हैं और अपने मोबाइल फोनों को घटना के समय अपने घरों पर ही छोडकर आते हैं, जिससे उनकी लोकेशन को कोई ट्रेस न कर सके तथा घटना से पूर्व या घटना के समय अपने परिजनों व अन्य परिचितों से सम्पर्क करने के लिये राह चलते किसी भी व्यक्ति का मोबाइल इस्तेमाल करते हैं। अभियुक्तों के सम्बन्ध में प्राप्त उक्त जानकारी से स्पष्ट हो गया था कि, इन्ही लोगों द्वारा उक्त लूट की घटना को अंजाम दिया गया है। जिस पर पुलिस टीम द्वारा अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु स्थानीय मुखबिर तंत्र को सक्रिय करते हुए सर्विलांस के माध्यम से अभियुक्तों के सम्बन्ध में जानकारी मिली कि आरोपी फैजल-नईम के सहारनपुर, अभियुक्त नदीम के बुलन्दशहर तथा अभियुक्त राहुल शर्मा उर्फ राहुल पण्डित के दिल्ली में होने की जानकारी मिली, जिस पर तत्काल तीन अलग-अलग पुलिस टीमें गठित कर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सम्भावित स्थानों को रवाना की गयी।

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