देहरादून : कोरोना के चलते जहां कई आयोजन कैंसिल किए गए तो वहीं दशहरा में भी पिछले सालों की तुलना रोनक कम रहेगी। बता दें कि देहरादून में दशहरे पर रावण के पुतले का दहन तो होगा लेकिन मेला नहीं लगेगा। आयोजन के लिए आयोजकों को सिटी मजिस्ट्रेट या एसडीएम से अनुमति लेनी होगी। रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद का पुतला 10 फीट से अधिक बड़ा नहीं होगा। पुतला दहन में आयोजकों समेत केवल 50 लोग ही शामिल हो सकेंगे। इसके अलावा मेला नहीं लगेगा।
देहरादून जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने दशहरे की शुभकामनाएं देते हुए देहरादून वासियों से दशहरे के त्यौहार को शालीनता से मनाने और कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत धार्मिक स्थलों, बाजारों, सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ जमा न करने और त्यौहार को अपने परिवार के साथ घर पर ही मनाने का अपील की है।
जिलाधिकारी ने आदेश जारी करते हुए कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए क्रियान्वित तालाबन्दी के सम्बन्ध में मुख्य सचिव उत्तरखण्ड शासन द्वारा जारी आदेश अन्तर्गत क्रमवार तालाबन्दी की क्रमवार समाप्ति आदेश (अनलाॅक-1,2,3,4,5) कर नवीन मानक प्रचालन विधि (एस.ओ.पी) जारी की गई है। जिलाधिकारी ने बताया कि भारत सरकार और उत्तराखण्ड सरकार द्वारा जारी गाईडलाईन में वर्णित प्राविधानों के अुनसार कोविड-19 संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए इस साल दशहरा का मुख्य पर्व पर किसी भी धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं को एकत्रित होने में अग्रिम आदेशों तक प्रतिबन्ध रहेगा। साथ ही इस दौरान लगने वाला मेला भी नहीं लगेगा।
डीएम ने आदेश जारी करते हुए कहा कि ओदशों के उल्लंघन पर महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने जिले में कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। नगर मजिस्ट्रेट सहित सम्बन्धित उप जिलाधिकारियों को तैनात किया। जिलाधिकारी ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत पर्यटन स्थलों, होटल, रेस्टोरेंट, माल्स आदि स्थानों पर सोशल डिस्टेसिंग एवं मास्क का उपयोग करवाने, थर्मल स्क्रीनिग करवाने के निर्देश सम्बन्धित उप जिलाधिकारियों को दिए।