देहरादून : विधानसभा सत्र के दौरान विधायक ने सदन में अपना दर्द छलकाया था औऱ शिकायत करते हुए अधिकारियों पर आरोप लगाया था. आरोप था कि न तो अधिकारी उनका फोन उठाते हैं औऱ न ही किसी कार्यक्रम की जानकारी देते हैं जिससे उनको बेइज्जत होना पड़ता है. सदन में रखी इस समस्या पर विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों को फटकार लगाई थी. ठीक आज वही गलती आज सीएम के कार्यक्रम में सामने आयी. जहां abvp के सभी छात्रों को बुलाया गया लेकिन nsui के छात्रों को नहीं बुलाया गया.
अधिकारियों ने विधानसभा अध्यक्ष की चेतावनी की गंभीरता से नहीं लिया
लेकिन शायद अधिकारियो वो फटकार दिल पर नहीं लगी या यूं कहें की अधिकारियों ने विधानसभा अध्यक्ष की चेतावनी की गंभीरता से नहीं लिया. जी हां देहरादून के एक कार्यक्रम में एक बार फिर बड़ा भेदभाव या यूं कहे कि अधिकारियों की बड़ी चूक सामने आयी. जिससे एक बार फिर सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं. अधिकारियों की गलतियों के चलते सरकार के मंत्री-विधायकों सुनना पड़ रहा है.
प्रदेश स्तरीय नव निर्वाचित छात्र संघ पदाधिकारियों का एक दिवसीय सम्मेलन
जी हां सीएम आवास के जनता दर्शन हॉल में उत्तराखण्ड के समस्त राजकीय महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों के निर्वाचित छात्र पदाधिकारियों के साथ बैठक की.. जिसमें सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत और प्रदेश के सभी कॉलेजों के छात्र संघ पदाधिकारी मौजूद रहे। सीएम आवास में आय़ोजित एक दिवसीय सम्मलेन में 5 बिंदुओं पर पदाधिकारियों के साथ किया मंथन किया गया.
विधायकों की शिकायत एकदम सही थी, अधिकारियों ने बुलाया एनएसयूआई के छात्रों को
लेकिन अगर सच में सरकार न छात्रों के हित में सोचकर ये बैठक आयोजित की थी तो इसमें एक बड़ी चूक सामने आई है क्योंकी सीएम के इस कार्यक्रम nsui के नव निर्वाचित छात्र संघ पदाधिकारियों को शामिल नहीं किया गया या यूं कहे की उन्हे निमंत्रण नहीं दिया गया. जो सरकार पर कई सवालिया निशान खड़े कर रहा है. सूत्रों की मानें तो अधिकारियों ने nsui के नव निर्वाचित छात्र संघ पदाधिकारियों को बुलाया ही नहीं था. जिससे कहा जा सकता है कि विधायकों की शिकायत एक दम सही थी.
सरकार को कुर्सी ज्यादा पसंद है,इतना बढ़ा भेदभाव
अगर ये बैठक 2019 के चुनाव को ध्यान में रखकर रखी गयी तो साफ है कि सरकार को कुर्सी ज्यादा पसंद है छात्रों की औऱ शिक्षा की कोई फिक्र नहीं है. तभी तो इतना बढ़ा भेदभाव कार्यक्रम में किया गया. सीएम पूरे राज्य के लिए एकसामन हैं तो उनके लिए सभी छात्र-छात्राएं और नेता-मंत्री-विधायक एक समान है ऐसे में कार्यक्रम में इतना भेदभाव किसकी गलती से हुआ ये तो अधिकारी-सीएम औऱ मंत्री जानें.