देहरादून : हरी वर्दी में कोई तो बात है जिसके लिए युवा अच्छी अच्छी नौकरी, घर परिवार सब छोड़ देते हैं और दिल में होता है सिर्फ देश रक्षा का दम. तभी तो रोहित जिनका पीसीएस में चयन हो गया था, उन्होंने वो आराम दायक नौकरी को छोड़ सेना की वर्दी को चुना.
गौर हो की शनिवार को देहरादून आईएमए में पास आउट परेड हुई जिसमे 377 नौजवान सेना में अफसर बने जिसमे दूसरे पड़ोसी देश के भी जवान शामिल थे. अकेले उत्तराखंड के 19 युवा सेना में अफसर बनें. इन सेना अफसरों में कई युवा ऐसे भी शामिल थे जिनके पास कई औऱ आराम दायक नौकरी के ऑफर थे और सेलेक्शन हो गया था लेकिन उन्होंने देश की रक्षा करने की ठानी औऱ वर्दी को चुना, इन्हीं में से एक हैं रोहित शर्मा।
जी हां पंजाब के नवां शहर जिले के बालाचौड़ निवासी रोहित शर्मा बचपन से ही पढ़ाई में होनहार थे। रोहित का पीसीएस में चयन हो गया था, जिसके बाद उन्हें आराम दायक कुर्सी की नौकरी मिलती लेकिन उन्होंने सेना कोचुना क्योंकि दिल में देश रक्षा का जुनून था। रोहित का कहना है कि वो काफी समय से आइएएस और पीसीएस की तैयारी कर रहा था, लेकिन मन में सेना बसी थी। पिता शिव शर्मा और माता मंजू शर्मा ने भी रोहित को अपने मन की करने की सलाह दी और हमेशा सपोर्ट किया।