उत्तराखंड में चुनाव का माहौल है…और आचार संहिता लागू हो गई है. हर जगह पुलिस की नजर है और गश्त भी जोरों पर है…ऐसे में देहरादून के राजपुर थाना क्षेत्र में 30 बोर के 40 जिंदा कारतूस मिलने से( जो की द्वितीय विश्वयुद्ध के समय के बताए जा रहे है) पुलिस विभाग औऱ लोगों में हड़कंप मच गया. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार खास तौर पर ये कारतूस पिस्टल में प्रयोग होते हैं, लेकिन कारतूसों की लंबाई से पुलिस असमंजस में है। वहीं आसपास के लोगों के पास भी इस संबंधित कोई जानकारी पुलिस को नहीं मिल पाई है.
एसपी सिटी श्वेता चौबे का कहना है कि कारतूसों को सील कर विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच को भेजा गया है. मिली जानकारी के अनुसार राजपुर एसओ नत्थीलाल उनियाल ढाकपट्टी चौक से ओल्ड मसूरी रोड की तरफ गश्त पर थे। वहीं ओल्ड मसूरी रोड से पहले बावड़ी मंदिर के पास सड़क किनारे उन्हें कुछ चीज चमकती दिखाई दी।जब उन्होंने पास जाकर देखा तो कारतूस बिखरे पड़े थे जिससे लोगों सहित पुलिस में हड़कंप मच गया.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सभी .30 बोर के कारतूस थे, लेकिन उनकी लंबाई सामान्य .30 बोर के कारतूस से कुछ अधिक लग रही है। फिलहाल पुलिस ने इससे ज्यादा कुछ भी बताने से मना कर दिया है और कहा कि जब क विधि विज्ञान प्रयोगशाली की रिपोर्ट नहीं आ जाती कुछ नहीं कहा जा सकता.
बड़ा सवाल है कि चुनावी माहौल के बीज देहरादून में आखिर ये कारतूस कौन लाया औऱ किस मकसद से लाया. साथ ही बड़ा सवाल ये भी है कि आखिर कारतूसों को यहां क्यों फेंका गया आखिर उस व्यक्ति की मंसा क्या था औऱ कारतूस कहां ले जाए जा रहे थे.