दून के बहुचर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में 31 अगस्त यानि आज एक अहम फैसला आ सकता है। अदालत के फैसले का अनुपमा के परिवार के साथ ही पूरे प्रदेश को इंतजार है। सभी की निगाहें आज कोर्ट के फैसले पर टिकी हुईं हैं।
वहीं हत्या के चार माह की विवेचना के बाद 10 मार्च 2011 को कैंट पुलिस ने राजेश को हत्या का आरोपी बताते हुए अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। आरोप पत्र में पुलिस ने बताया था कि अनुपमा और राजेश में अक्सर झगड़ा होता था। 17 अक्टूबर 2010 की रात भी दोनों में मारपीट हुई। इस दौरान अनुपमा के सिर पर बेड का कोना लग गया और वह बेहोश हो गई। इसके बाद राजेश ने मुंह पर तकिया रखकर उसकी हत्या कर दी।
क्या है मामला
अनुपमा गुलाटी की हत्या 2010 में उसी के पति राजेश गुलाटी ने की दी। इस हत्याकांड का खुलासा 12 दिसंबर 2010 को हुआ था। अनुपमा के पति ने उसकी हत्या कर दी और शव को 2 माह तक फ्रीजर में छुपाये रखा। इसके बाद स्टोन कटर,आरी और मशीन से अनुपमा के टुकड़े किये और मसूरी रोड पर ठिकाने लगाने लगा। जब 2 माह तक संपर्क नहीं हुआ तो अनुपमा की छोटी बहन को शक हुआ और उसने पुलिस को घटना की जानकारी दी।
फ्रीजर में छुपा रखे थे लाश के टुकड़े
पुलिस ने घर की तलाश की तो फ्रीजर में लाश के टुकड़े मिले। अनुपमा ने अपने परिवार की मर्ज़ी के ख़िलाफ राजेश से लव मैरिज की थी। लेकिन कुछ दिन बाद ही दोनों में झगड़ा होने लगा था। 10 अक्टूबर 2010 को फिर से दोनों में झगड़ा हुआ और उसके बाद राजेश ने अनुपमा की हत्या कर दी थी।
12 दिसबंर 2010 से दून की जेल में बंद है आरोपी पति
12 दिसम्बर 2010 से राजेश गुलाटी दून की जेल में बंद है। अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 42 गवाह पेश किए जा चुके हैं। जिसमें राजेश की महिला मित्र और उसके घर पर काम करने वाली दो नौकरानी भी शामिल रहीं।
करीब दो महीने बाद हुआ था हत्याकांड का खुलासा
2 महीने तक बहन से संपर्क ना होने पर अनुपमा के भाई को शक हुआ और उसने पुलिस में शिकायत की। शिकायत के बाद राजेश के घर की तलाशी लेने पर डीप फ्रीजर में अनुपमा के टुकड़े रखे मिले। जिन्हें वो मौका मिलने पर धीरे-धीरे ठिकाने लगा रहा था।