नैनीताल- सूबे की पहाड़ियां बेहद नाजुक हो गई है इतनी नाजुक की जरा सी बारिश के बाद मामूली हलचल से जमीन पर बिखर जाती है।
आलम ये है कि सूबे की पहाड़ियों से रिसता भूस्खलन का मवाद कहीं तीर्थयात्रियों की राह में रोड़ा बन रहा है तो कहीं उनके लिए जानलेवा साबित हो रहा है।
शुक्रवार को बदरीनाथ मार्ग के हाथीपर्वत से हुए भूस्खलन ने तीर्थयात्रियों को ब्रेक लेने के लिए मजबूर कर दिया तो उधर कुमांऊ में नैनीताल – जागेश्वर मार्ग में काकड़ीघाट के भूस्खलन ने पांच तीर्थयात्रियों की जान ले ली।
खबर के मुताबिक जागेश्वर धाम से कोटद्वार वापस लौट रही श्रद्धालुओं की बस के ऊपर पहाड़ी से मलबा गिरा और मौके पर ही पांच तीर्थयात्रियों ने दम तोड़ दिया जबकि 20 गंभीर रुप से घायल हो गए।
बताया जा रहा है कि सभी यात्री कोटद्वार के रहने वाले थे। जो जागेश्वर धाम के दर्शन के बाद वापस कोटद्वार लौट रहे थे। हादसे की खबर मिलने के बाद रेस्क्यू टीम ने इलाके का दौरा किया।
बहरहाल बड़ा सवाल ये है कि पिछले कुछ सालों से ही इतना भूस्खलन क्यों हो रहा है कहीं ये अनियोजित विकास का हश्र तो नहीं।