देहरादून: व्हाट्सएप आजकल हर किसी की जरूरत बन गया है। सोशल मीडिया ने जहां लोगों को प्लेफार्म दिया है। वहीं, लोगों के लिए खतरे भी बढ़ा दिये हैं। आज तक वैबसाइट हैकिंग, बैंक अकाउंट और एटीएम हैकिंग के मामले तो आपने देखे और सुने ही होंगे, लेकिन क्या आपने व्हाट्सएप को हैककर ठगी करने का कोई माला सुना है ? अगर नहीं तो अब आपको सावधान होने की जरूरत है। क्योंकि व्हाट्सएप के जरिये भी ठगों ने ठगी की एक घटना को अंजाम देकर करीब दो लाख रुपये ठग लिए।
साइबर ठगों ने एक अधिकारी का व्हाट्सएप हैक कर अपने दूसरे साथ अधिकारी से दोस्त की पत्नी का बहाना बनाकर बनाकर 1 लाख 80 हजार रुपये ठग लिए। इस घटना को उसको पता भी नहीं, चिला जिसके व्हाट्एप को हैक किया गया था। उसको तब पता चला जब साथी अफसर ने पैसे ट्रांसफर किये और बीमारी के बारे में पूछा।
ओएनजीसी में आरएंडडी के महाप्रबंधक (रसायन) विशेषनाथ पुष्कर और उनके दोस्त आशीष शर्मा ने एसएसपी अरुण मोहन जोशी से मिलकर ऐसे मामले की शिकायत की है। पुष्कर ने बताया कि वो पांच से 10 सितंबर के बीच अहमदाबाद में थे। इसी बीच सात सितंबर को उनके व्हाट्सएप पर दोस्त विनोद डिमरी के मोबाइल नंबर से मैसेज आया कि मैं सेन फ्रांसिस्को यूएसए के एयरपोर्ट पर हूं। पत्नी की बहन को हार्ट प्राॅबल्म होने के कारण हैदराबाद के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ऑपरेशन के लिए वो अपने अकाउंट से रकम ट्रांसफर नहीं कर पा रहा है। महाप्रबंधक ने बताया कि अहमदाबाद ओएनजीसी में विनोद डिमरी उनके साथ रहा है। बिना देर किए दूसरे दोस्त आशीष शर्मा की मदद से डिमरी के बताए खाते में एक लाख रुपये ट्रांसफर करा दिए। इसके बाद विनोद डिमरी के व्हाट्सएप से फिर 50 हजार और 30 हजार रुपये मांगे गए। इस बार भतीजे विजय पुष्कर के माध्यम से यह रकम ट्रांसफर कराई गई। 18 सितंबर को अहमदाबाद निवासी एक अन्य दोस्त आरबी राम और शंकर सिंह की मदद से विनोद डिमरी से बात की तो इस धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। डिमरी का कहना था कि न तो वह अहमदाबाद से बाहर गए और न ही किसी तरह की रकम मांगी। हैदराबाद में तो उनकी कोई रिश्तेदारी भी नहीं है।