लक्सर: पिछले दिनों हुई भारी बारिश ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया था। अतिवृष्टि से फसलों और कृषि भूमि को हुए नुकसान का सरकार से मुआवजा नहीं मिलेगा। तहसील की ओर से कराए गए सर्वेक्षण में नुकसान 25 फीसदी से कम आंका गया है, जबकि कलस्टर में कम से कम 33 प्रतिशत नुकसान होने पर ही किसानों को मुआवजा देने का नियम है।
इससे एक बात तो साफ है कि सानों को लाभ नहीं होने वाला है। 20 अक्तूबर की रात को अतिवृष्टि से नदियों में काफी पानी आया था। लक्सर में गंगा, बाणगंगा व सोलानी नदी के जल स्तर ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया था। चंदपुरी खादर गांव के पास बाणगंगा के पानी से तटबंध क्षतिग्रस्त होने पर कटाव से कृषि भूमि बर्बाद हुई थी। हाल ही में लेखपालों ने नुकसान का सर्वेक्षण किया है।
किसानों को उम्मीद थी कि सर्वेक्षण के बाद उन्हें सरकार से मुआवजा मिलेगा। परंतु सर्वेक्षण से उनकी उम्मीद टूट गई है। सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक फसलों को 25 प्रतिशत से कम नुकसान हुआ है। जबकि कलस्टर में कम से कम 33 फीसदी नुकसान पर किसानों को मुआवजा मिल सकता है। ऐसे में कि सानों को सरकार से मुआवजा मिलने की उम्मीद नहीं है।