देहरादून- एक ओर केंद्र सरकार लेन-देन के लिए डिजिटल बैंकिग को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है । दूसरी ओर आलम ये है कि साइबर ठग बैंकिग सुरक्षा को ही धत्ता बताते हुए आम से लेकर खास आदमी को चूना लगाकर गुलछर्रे उड़ा रहे हैं।
एक बार फिर साइबर ठगी के उस्तादों ने देहरादून मे खलबली मचा दी है। इस बार साइबर क्रिमिनल ने उत्तराखंड पेयजल निगम के महाप्रबंधक के खाते पर सेध मारते हुए उन्हें एक लाख 69 हजार का चूना लगाया है।
दिलचस्प बात तो ये है कि एमडी साहब को इतनी बड़ी निकासी का कोई मैसेज भी नहीं आया। उन्हे तो तब पता चला जब मुंबई की हेड ब्रांच से उनसे क्रेडिट कार्ड से हुई इतनी बड़ी ट्रांजिक्शन के बारे में पूछा गया। बैंक अधिकारी की बात सुनकर एमडी साहब सकते में आ गए उन्होंन अधिकारी को जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने तो हाल-फिलहाल मे क्रेडिट कार्ड का इस्तमाल तक नहीं किया है।
जबकि बैंक अधिकारी ने बताया कि उनके खाते से क्रेडिट कार्ड के जरिए एक लाख 69 हजार623 रूपए की निकासी हुई है। उसके बाद पेयजल निगम के एमडी भजन सिंह देहरादून मे साइबर थाने में तहरीर दी और थाने ने इस मामले को जांच के लिए बसंत विहार थाने के सुपुर्द कर दिया।
फिलहाल मामले की जांच पड़ताल शुरू हो गई है। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जब हमारे मुल्क में बैंकिग सेवाएं अपने उपभोक्ता के खातों की मुक्कमल हिफाजत मे नाकामयाब हैं तो देश के पीएम मोदी आम आदमी को किस भंरोसे के साथ कैशलेस डिजिटल लेन-देन के लिए उकसा रहे हैं।