देहरादून: साइबर हमले आजकल आम बात हो गई है। बड़ी कंपनियों और संस्थानों की वेबसाइटों से लेकर सोशल मीडिया अकाउंट तक हैक कर दिए जाते हैं। हाल के दिनों में ट्वीटर और यूट्यूब को हैक करने का मामला सामने आया था। उत्तराखंड में ऐसा ही एक मामला सामने आया था। हैकर ने लोक गायक किशन महिपाल के यूट्यूब चैनल को हैक भी कर लिया था। हैकिंग के बढ़ते मामलों को देखते हुए साइबर एक्सपर्ट की भूमिका बढ़ जाती है। ऐसे ही एक साइबर एक्सपर्ट हैं टिहरी जिले के योगेश प्रसाद। योगेश ने वैसे तो गूगल जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियों की वेबसाइटों में बग का पता लगाने का काम किया है, लेकिन हाल ही में योगेश ने गढ़वाल विश्वविद्यालय की वेबसाइट में एक ऐसी कमी ढूंढी है, जिसके बारे में जानकर यूनिवसिर्टी प्रशासन के होश उड़ गए।
विश्वविद्यालय की साइट चेक की
साइबर एक्सपर्ट योगेश प्रसाद गैरोला ने साइबर हमलों के बीच अचानक ही गढ़वाल विश्वविद्यालय की साइट को चेक किया। जैसे-जैसे उन्होंने साइट पर काम शुरू किया। साइट की कमियां एक के बाद एक उनके सामने आने लगी। एक तरह से उन्होंने यूनिवर्सिटी का पूरा डाटा ही अपने पास ले लिया। इसकी जानकारी योगेश ने उत्तराखंड के साइबर थाने को देने के साथ ही राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा से जुड़ी एंजेसी को भी दी। जिसके बाद गढ़वाल विश्वविद्यालय प्रशासन को भी इस बारे में जानकारी दी गई।
पोर्टल से डाटा निकालने में सक्षम रहे
वेबसाइट में नजर आ रही गड़बड़ियों को देखने के बाद योगेश विश्वविद्यालय के पोर्टल से भी अहम जानकारियां हासिल करने में सफल रहे। योगेश का दावा है कि उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारियों का वेतन विवरण। परीक्षा विवरण, सभी विभागों की फाइलों की जानकारी और आंतरिक डेटा तक हासिल कर लिया था। यह सब काफी आसानी से कर लिया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय की साइट कितनी असुरक्षित थी।
ये रहता है खतरा
योगेश के अनुसार साइट में इतनी कमी थी कि वो विश्वविद्यालय की वेबसाइट में मौजूद डाटा को अपने हिसाब से एडिट तक कर सकते थे। अगर यही डाटा किसी गलत तरीके से हैकिंग करने वालों के हाथ लग जाता तो, बड़ी दिक्कतें हो सकती थी। योगेश के अनुसार साइट में मौजूद कर्मचारियों के वेतन डिटेल को भी चेंज किया जा सकता था। यूनिवर्सिटी के फाइटलों के ट्रैकिंग सिस्टम में मौजूद सभी फाइलों का डाटा कुछ ही मिनटों में वो अपने पास निकाल सकते थे।
मुफ्त में किया काम
योगेश प्रसाद का कहना है कि वो एथिकल हैकिंग करते हैं। आमतौर पर किसी कंपनी के साथ कांट्रैक्ट पर काम करते हैं। उसके लिए उनको अच्छा पैसा भी मिलता है, लेकिन गढ़वाल विश्वविद्यालय की वेबसाइट में उन्होंने जो खामियां खोजी हैं और उनको ठीक करवाया है। सारा काम मुफ्त में किया है। योगेश का कहना है कि मैं भी उत्तराखंड का ही हूं। इसलिए मेरा कर्तव्य था कि अपने राज्य के इतने बड़े संस्थान के लिए कुछ अच्छा करूं।