देहरादून: उत्तराखंड के डीजीपी की निजी कार का सिटी पेट्रोल यूनिट ने रेड लाइट जंप करने पर चालान काट दिया। कार में मौजूद डीजीपी ने सादगी का परिचय देते हुए मौके पर ही चालान भुगतकर यह संदेश भी दे दिया कि कानून से बड़ा कोई नहीं है। नियमों की अनदेखी करने पर किसी पर भी कार्रवाई हो सकती है।
दरअसल, रविवार दोपहर डीजीपी अनिल के रतूड़ी अपनी की निजी कार से राजपुर रोड स्थित दिलाराम चौक से गुजर रहे थे। चौक से गुजरने के दौरान ट्रैफिक सिग्नल रेड हो गया तो चालक ने गाड़ी जेब्रा क्रासिंग से थोड़ा आगे बढ़ा दी। चौक पर मौजूद सीपीयू दारोगा अशोक डंगवाल व सिपाही अर्जुन सिंह ने कार को रोक कर उसकी रिकार्डिग शुरू कर दी। मगर कार के रुकते ही जब उसमें से डीजीपी उतरे तो दोनों के होश फाख्ता हो गए। मगर डीजीपी ने सादगी का परिचय देते हुए सीपीयू से चालान काटने को कहा। इसके बाद सिपाही ने कार का एमवी एक्ट के तहत चालान कर दिया। डीजीपी ने मौके पर ही चालान की सौ रुपये की धनराशि सीपीयू को दी और विनम्रतापूर्वक वहां से चले गए। इस मामले में यातायात निदेशक केवल खुराना ने कहा कि डीजीपी ने यातायात नियम के उल्लंघन की स्थिति में चालान भरकर यह संदेश दिया है कि आम हो या खास नियम और कानून सबके लिए बराबर हैं।
छुट्टी में निजी कार का करते हैं प्रयोग
डीजीपी अनिल के रतूड़ी ने सहजता और सादगी को लेकर अफसरशाही में अलग पहचान बना रखी है। डीजीपी अवकाश के दिन सरकारी गाड़ी का प्रयोग न कर निजी कार का प्रयोग करते हैं। इतना ही नहीं उनकी पत्नी राधा रतूड़ी प्रमुख सचिव के पद पर कार्यरत हैं और अक्सर ऑफिस जाने के वह एक ही गाड़ी का प्रयोग करते हैं।