कोरोना वायरस के खिलाफ छिड़ी जंग में हर शख्स अपनी भूमिका निभा रहा है, लेकिन पुलिस विभाग में तैनात कांस्टेबल अर्जुन ने ड्यूटी के लिए त्याग की मिसाल पेश की है। पिछले कई दिनों से वह घर नहीं गए। यहां तक कि बेटे की मृत्यु होने पर भी कुछ देर के लिए मिट्टी डालने की रस्म निभाने घर पहुंचे और फिर नाहन हिमाचल प्रदेश लौट आए। इस दौरान परिजनों से भी अर्जुन ने दूर से ही बात की।
सिरमौर में कोरोना पॉजिटिव पाए गए एक जमाती को बद्दी तक छोड़ने के लिए अर्जुन भी पुलिस टीम के साथ गए थे। लिहाजा, एहतियात के तौर पर वह घर नहीं जा रहे। अर्जुन को अक्सर नाहन के मुख्य चौराहों पर यातायात ड्यूटी में देखा जाता है। मृदुभाषी अर्जुन की पत्नी सुमन भी पुलिस विभाग में ही कार्यरत है। गुरुवार को उनकी पत्नी का प्रसव हुआ, लेकिन धड़कन कम होने की वजह से बच्चे को नहीं बचाया जा सका। कोरोना पॉजिटिव मरीज को बद्दी छोड़ने गए अर्जुन दुख की इस घड़ी में अपनी पत्नी से मिल भी नहीं पाए। अस्पताल में उपचाराधीन पत्नी से भी उन्होंने दूर से बात की और ढांढस बधाया।