नई दिल्ली: कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (प्ब्डत्) द्वारा राज्यों को दिए गए रैपिड टेस्ट किट से परीक्षण पर अगले दो दिनों के लिए रोक लगा दी गई है। आईसीएमआर ने बताया कि कोरोना के टेस्ट के दौरान आईटीपीसीआर के पॉजिटिव सैंपल्स में ज्यादा वेरिएशन आ रही है। अब इन रैपिड टेस्ट किट्स का परीक्षण आईसीएमआर के 8 इंस्टीट्यूट फील्ड में जाकर करेंगे। उसके बाद नई गाइडलाइन जारी की जाएगी। बता दें कि राजस्थान ने पहले ही रैपिड टेस्ट किट को लेकर सवाल खड़े किए थे।
आईसीएमआर के वैज्ञानिक के आर. गंगाखेड़कर ने कहा कि हमारे द्वारा सभी राज्यों में रैपिड टेस्ट किट का डिस्ट्रिब्यूशन हुआ था। कल एक राज्य से शिकायत आई थी कि इन किट्स से कम डिटेक्शन हो रहा है। 3 स्टेट से पूछने के बाद हमको पता चल रहा है कि आईटीपीसीआर के पॉजिटिव सेंपल्स में वेरिएशन ज्यादा है। बताया कि आईटीपीसीआर पॉजिटिव सेंपल्स में कई जगहों पर 6 फीसदी से 71 तक वैरिएशन आ रही है। यह अच्छी चीज नहीं है। वेरिएशन ज्यादा दिखने पर उसे इन्वेसिगेट करना होगा। इसके बावजूद कि वह फर्स्ट जनरेशन एलाइजा है। फर्स्ट जनरेशन एलाइजा में वेरिएशन दिखते हैं। कोरोना संक्रमण को लेकर 3.5 महीने हो चुके हैं। जो भी चीझ आएगी उसे आगे डिफाइन करना जरूरी पड़ेगा।
कहा कि हमने निर्णय किया कि इस फाइंडिंग को नजरअंदाज करना सही नहीं रहेगा। दिल्ली में हुए टेस्ट में यह किट 71 फीसदी आईटीपीसीआर पॉजिटिव को पकड़ रही थी। 7 दिन के टाइम के बाद पॉजिटिव आने का चांस बढ़ रहा था। अगले दो दिनों में हमारे 8 इंस्टीट्यूट फील्ड में जाएंगे। जो किट्स हैं उनमें से लॉट्स लेकर फील्ड में वैलिडेशन किए जाएंगे। इसके बाद ही राज्यों को नए निर्देश दिए जाएंगे। अगर किट में कोई गड़बड़ी सामने आती है तो संबंधित कंपनी को वापस भेजा जाएगा।