देहरादून: कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के करीबी का ऑडियो वायरल होने के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को फंसाने के लिए बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर भूमि घोटोले के आरोप लगाए, लेकिन कांग्रेस ने जिस योजना के बहाने सीएम को फंसाने के लिए जाल फेंका था। कांग्रेस खुद ही उस जाल में फंस कर रह गई। कांग्रेस के एक-एक आरोप को भाजपा ने झूठा साबित कर उल्टा कांग्रेस पर ही सीएम को बदनाम करने का आरोप लगा दिया। मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि अगर कांग्रेस ने ये साबित कर दिया कि सूर्यधार में मुख़्यमंत्री की जमीन है तो वो विधायकी से इस्तीफा देंगे और सीएम भी अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के जीरो टाॅलरेंस के नारे पर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री एक तरफ जीरो टाॅलरेंस की बात करते हैं। वहीं, दूसरी ओर मुख्यमंत्री खुद भ्रष्टाचार में इस कदर लिपटे हुए हैं कि मुख्यमंत्री पहले कौड़ियों के भाव जमीन लेते हैं और फिर उसी जमीन के रेट बढ़ाने के लिए करोड़ रूपये की योजनाओं की आधार शीला रखते हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, उप नेता प्रतिपक्ष करन माहरा ने पत्रकारों से वर्ता कर सीएम पर एन-74 जांच को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए। साथ जमीन घोटाले के भी आरोप लगाए।
कांग्रेस के इस आरोप पर भाजपा ने पलटवार किया। भाजपा प्रवक्ता मुन्ना सिंह चैहान ने सीएम का वीडियो जारी कर साबित किया कि सीएम लोगों को अपनी जमीनें नहीं बेचने के लिए कह रहे हैं। सीएम लोगों से कह रहे हैं कि अपनी जमीनों को बेचने के बजाया खुद ही कारोबार करें। मुन्ना सिंह चैहान ने कहा कि कांग्रेस के सारे आरोप झूठे हैं। सीएम के परिवार को बदनाम करने के लिए ऐसा किया जा रहा हैै। उन्होंने कहा कि जिस सूर्यधार योजना की बात कांग्रेस कर रही है। उस योजना की शुरूआत पूर्व सीएम हरीश रावत ने की थी। भाजपा का कहना है कि उन्होंने झील की ऊंचाई 2 मीटर बढ़ाई, लेकिन बजट वही है, जो कांग्रेस सरकार में था। वहीं, संजय गुप्ता ने कहा कि मेरी सीएम के साथ सूर्यधार में कोई जमीन नहीं है। वहां मेरी खुद की जमीन है। उन्होंने कहा कि सीएम को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है।