देहरादून- त्रिवे्ंद्र रावत सरकार के 6 माह के कार्यकाल पूरे होने के बाद आज कांग्रेस अपने रंग में दिखी है। कांग्रेस ने आज पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन किया और दोनों सरकारों को किसान और गरीब विरोधी बताया।
देहरादून में घरेलू गैस सिलेंडर्स के साथ कांग्रेसियों ने प्रदर्शन किया और दोनों सरकारों की नीतियों को बढ़ती मंहगाई के लिए जिम्मेदार ठहराया। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की अगुवाई में हुए प्रदर्शन में कांग्रेस के सभी आलानेताओं की मौजूदगी रही। इस दौरान काग्रेसियों ने जिलाधिकारी के मार्फत राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया और सरकार पर कई तोहमत लगाई।
काग्रेसियों ने राज्यपाल को भेजे ज्ञापन मे भाजपा सरकार पर जनता के भरोंसे को छलने का आरोप लगाया। केंद्र की मोदी और राज्य की त्रिवेंद्र सरकार पर बिफरते हुए कांग्रेस ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 50 डालर प्रति बैरल है जबकि देश की जनता को 80 रूपए प्रति लीटर की दर से पैट्रोल मुहैय्या करवाया जा रहा है। कांग्रेस राज का हवाला देते हुए कहा गया कि तब कच्चा तेल 150 डालर प्रति बैरल मिल रहा था लेकिन देश की जनता को 55 -60 रूपए तेल दिया गया। वहीं आज घरेलू गैस सिलेंडर 700 रुपए के पार पहुंच गया है जबकि कांग्रेस सरकार में 400 रुपए में सिलेंडर मिलता था।
कांग्रेसियों ने राज्यपाल को प्रेषित ज्ञापन में कहा कि कि विधानसभा चुनाव 2017 में भयमुक्त सरकार के अपने वायदे पर अमल करने में भाजपा सरकार पूरी तरह नाकाम रही है। भाजपा सरकार के शासनकाल में राज्य की कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से चरमरा गई है। राज्य में अपराधी निरकुंश होकर अपराध कर रहे है।
कांगे्रसजनों ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी विभिन्न चुनावी सभाओं तथा भाजपा ने अपने दृष्टि पत्र में राज्य के किसानों से वायदा किया था कि सरकार बनने पर प्रदेश के किसानों के कर्ज माॅफ किये जायेंगे, किसानों को ब्याज रहित ऋण दिया जायेगा तथा गन्ना किसानों का बकाया भुगतान 15 दिन के अन्दर किया जायेगा, परन्तु छः माह बीत चुके हैं लेकिन डबल इंजन के दौर में भी न किसानों को राहत है न आम आदमी को।
राज्य और केन्द्र सरकार अपने इन वायदों पर अमल करने के बजाए मुकर रहे हैं। नतीजा ये है कि उत्तराखण्ड जैसे राज्य के माथे पर किसानों की खुदकुशी का दाग लगा है। राज्य में जून 2017 से अब तक 7 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। वहीं सरकार के नगर सीमा विस्तार का भी कांग्रेस ने विरोध किया है। कांग्रेस ने कहा कि ये जमीनों को खुर्द-बुर्द करने की सरकारी साजिश है न कि विकास की परिकल्पना।