देहरादून: उत्तरकाशी में भ्रूण हत्या को लेकर पेश किए गए गलत तथ्यों को लेकर अब कांग्रेस ने मोर्चो संभाल लिया है। कांग्रेस प्रवक्ता प्रदीप भट्ट ने जिला प्रशाशन पर जिले की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जो रिपोर्ट जिला प्रशासन ने पेश की। उससे जिले को लेकर लोगों के मन में संदेश पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि सस्ती लोकप्रियता के चक्कर में आंकडों को भयानक रूप् देकर पेश किया गया।
एक अप्रैल से 30 जून के बीच इन 3 महीनों में 133 गांवों में 216 प्रसव हुए और सारे के सारे बेटे ही पैदा हुए। यहीं से खबर ने जोर पकड़ा और नेशनल मीडिया ने भी यही दिखाया कि 133 गावों वाले उत्तरकाशी जिले में पिछले तीन महीनों में 216 डिलीवरी हुई, जिसमें सबके सब लड़के पैदा हुए। यानी मीडिया में ये परोसा जा रहा है कि देवभूमि के इस सीमांत उत्तरकाशी जिले में कन्या भू्रण हत्या का खेल चरम पर है।
प्रदीप भट्ट ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के आंकड़े बताते हैं कि 1 अप्रैल 2019 से लेकर 30 जून 2019 के बीच इन तीन महीनों में यदि उत्तरकाशी जिले के 133 गावों में 216 बेटे पैदा हुए तो इन्हीं तीन महीनों में इसी उत्तरकाशी जिले के 129 गावों में 180 बेटियों ने भी जन्म लिया किन्तु प्रशाशन ने सिर्फ 133 गांव मे जन्मे 216 बेटों के पैदा होने की खबर वायरल कर दी और बेटियों के पैदा होने की जानकारी नहीं दी। इसमें एक और खास बात ये है कि अब जिलाधिकारी ने गलति मानते हुए कहा कि है कि अगर औसम निकालें तो ऐसे गांव केवल 55 ही हैं।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में जो आंकड़े अभी जारी हुए हैं। उनके मुताबिक उत्तरकाशी जिले में इन तीन महीनों में यानी 1 अप्रैल 2019 से लेकर 30 जून 2019 के बीच 961 प्रसव हुए, जिसमे 468 बेटे और 479 बेटियों का जन्म हुआ है। जबकि 14 शिशुओं की मौत हुई है। इस तिमाही में उत्तरकाशी जिले में लिंगानुपात के अनुसार 1000 बालकों के सापेक्ष 1024 बालिकायें हैं। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप भट्ट ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से अपील की है कि वे मामले का संज्ञान गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त करें।