देहरादून(मनीष डंगवाल)- पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से कांग्रेस संगठन अब दूरी बढ़ाने के पूरी तैयारी चुका है और इसका एक और नजारा भी देखने को मिला जिसमें हरीश रावत की पूरी तरह अनदेखी की गई है। जी हां पूरे देश में कांग्रेस ने कर्नाटक में घट रहे सियासी समीकरण को लेकर जहां आज प्रजातंत्र बचाओं दिवस के रूप में मनाया है,वहीं देहरादून में भी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने गांधी पार्क में धरना देकर प्रजातंत्र बचाने को लेकर आवाज उठाई।
हरदा की अनदेखी
कांग्रेस के इस धरने में सभी की नजरे धरना स्थल पर लगे बैनर पर लगी रही, जिसमें पूर्व सीएम हरीश रावत की फोटो कहीं नजर नहीं आ रही थी। जिससे हरीश रावत खेमे के कई लोग धरने में तो जरूर आए लेकिन उनकी नजरें पोस्टर पर जाते ही इसलिए झुक रही थी कि उसमें हरीश रावत की फोटो नहीं थी. खास बात ये है कि पोस्ट में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सोनिया गांधी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृद्येश की फोटो को जगह मिल पाई।
फोटो न होने से उठ रहे है सवाल
लेकिन सवाल इस बात को लेकर है जहां इतने नेताओं को फोटो में जगह मिल गई थी, वहां हरीश रावत को जगह क्यों नहीं मिल पाई, वो भी तक जब उत्तराखंड में हरीश रावत ने सीएम रहते लोकतंत्र बचाने की ऐसी लड़ाई लड़ी जिसे उत्तराखंड में अब तक कोई नहीं लड़ पाया हो।
सवाल ये भी उठता है कि क्या कांग्रेस को वो दिन याद नहीं है जब उत्तराखंड में इतना बडा सियासी घटना क्रम घटा था जो कर्नाटक से ज्यादा बडा था और हरीश रावत ने उसे पार पाने के लिए हर दाव पेंच अपनाया और कांग्रेस की प्रदेश में तभी सरकार बचाई जब कांग्रेस के विधायक भाजपा के साथ चले गए थे।
सवाल इस बात का नहीं है कि पूर्व सीएम हरीश रावत को पोस्टर में जगह नहीं मिली बल्कि सवाल इस बात है कि इस पोस्टर के माईने काफी बडें जो जाते हैं जब पोस्टर का इस्तेमाल लोकतंत्र बचाने के लिए किया जा रहा हो और उसमें उत्तराखंड में लोकतंत्र बचाने की लड़ाई कांग्रेस के लिए लड़ने वाले हरीश रावत का फोटो न हो।
कुछ हताश निराश तो कुछ के चेहरे पर खुशी
पूर्व सीएम हरीश रावत को कांग्रेस जिस तरह धीरे-धीरे से किनारे लगा रही है उसे हरीश रावत समर्थकों की जहां चिंताएं बढ रही है वहीं जो पार्टी के भीतर हरीश रावत को अलग-थलग करने की ठान बैठे है उनके चेहरे पर इस बात की खुशी है कि अब प्रदेश में आगे हरीश रावत की नहीं चलने वाली है। कई कार्यकर्ताओं के चेहरे प्रजातंत्र बचाओं दिवस के रूप में यही बंया कर रहे थे। कुछ के चेहरे पर फोटो न होने की खुशी भी झलक रही थी तो कुछ के चेहरे मुरझाएं हुए थे।
खबर उत्तराखंड ने किया प्रीतम सिंह से सवाल, हुए आग बबूला
खबर उत्तराखंड ने जब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह से इस मामले पर सवाल किया तो प्रीतम सिंह आग बबूला हो गए और तमतमाते हुए बोले कि यहां पर लोकतंत्र बचाने के लिए कांग्रेसजन एक्कटा हुए है न कि फोटो के लिए आपको इस मुद्दे पर नहीं पडना चाहिए। लेकिन प्रीतम सिंह ने जिस तरह गुस्से में सवाल का जवाब दिया उसे साफ प्रतित होता है कि पार्टी के भीतर हरीश रावत को लेकर काफी कुछ चल रहा है.
यहीं वजह है कि इस पोस्टर में हरीश रावत को जगह नहीं दी गई। पूरी मीडिया ने धरने को कवर तो किया लेकिन किसका ध्यान इस पोस्टर की ओर नही गया लेकिन जब खबर उत्तराखंड का ध्यान इस ओर गया तो कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से इस पर राय भी ली कुछ ने कहा कि पोस्टर में जगह मिलनी चाहिए थी तो कुछ ने कहा कि अब हरीश रावत संगठन तवझो कम दे रहा है इसी लिए फोटो नहीं लगाई गई है।