देहरादून : राफेल लड़ाकू विमान खरीद सौदे में सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को क्लीन चिट दे दी है जिससे भाजपा में खुशी है लेकिन कांग्रेस अभी भी जांच की मांग कर रही है और सरकार पर हमला कर रही है. अदालत ने एक बार फिर राफेल सौदे में एफआइआर दर्ज कर सीबीआइ जांच का आदेश देने की मांग भी ठुकरा दी है.
कांग्रेस नेताओं की मानें तो मामले में जीपीसी ज्चाइंट पार्लमेंन्ट कमेटी के द्वारा जांच होनी चाहिए साथ ही उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा की अगर सरकार सही है तो जेपीसी जांच कराने से क्यों डर रही है? वहीं दूसीर तरफ बीजेपी 16 नवंबर को प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन करने जा रही है जिसमें वो कांग्रेस और राहुल गांधी से राफेल मामले पर मांफी की मांग कर रहे हैं.
क्या है जेपीसी?
जेपीसी अंग्रेजी अक्षर के JPC से बना है, जिसका पूरा मतलब होता है. ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमेटी. ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमेटी संसद की वह समिति जिसमें सभी दलों को समान भागीदारी हो. जेपीसी को यह अधिकार है कि वह किसी भी व्यक्ति, संस्था या किसी भी उस पक्ष को बुला सकती है जिसको लेकर जेपीसी का गठन हुआ है.