देहरादून। राज्य के निकायों को खुले में शौच से मुक्त घोषित होने के बाद अब शहरों को कचरा मुक्त करने की मुहिम छेड़ी गई है। भारत सरकार की ओर से नगरों को कूड़ा एवं कचरे से मुक्त रखने प्रयासों को संस्थाबद्ध एवं सुपरिभाषित करते हुए इसे नगरों के मध्य स्वस्थ्य एवं दोस्ताना प्रतियोगिता से जोड़ा जा रहा है। ताकि शहरों को नई प्रेरणा मिल सके। इसके लिए विभिन्न राज्यों में निकायों के प्रशिक्षण के लिए 13वीं राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन देहरादून के एक निजी होटल में किया गया। इस कार्यशाला में भारत सरकार की ओर से संयुक्त सचिव, शहरी विकास मंत्रालय तथा राष्ट्रीय मिशन निदेशक, स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) श्री वी0के0 जिन्दल, विषय विशेषज्ञ श्री पंकज अरोड़ा तथा वैभव रॉव तथा शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक, सचिव शहरी विकास, श्री आर0के0 सुधांशु, निदेशक शहरी विकास श्री बी0एस0 मनराल समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
बारह बिंदुओं के आधार पर शहरों और गांवों को अब सॉलिड वेस्ट से मुक्ति दिलाने की मुहिम चलेगी। इसी आधार पर निकाय प्रतिनिधियों को ट्रेनिंग भी दी गई है। प्रतिनिधियों की मदद के लिए उन्हें ऐसे शहरों की डॉक्यूमेंट्रीज भी दिखाई गईं जहां इस क्षेत्र में बेहतर काम हो रहा है।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने निकायों के अधिकारियों में जोश भरते हुए कहा कि स्वच्छता के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा जाये। इस हेतु मिशन मोड में काम करने की आवश्यकता है साथ ही व्यापक जन-जागरूकता कर नागरिकों का सहयोग प्राप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देशित किया कि अगले वर्ष होने वाली स्वच्छता रैंकिंग हेतु अभी से तैयारियां प्रारम्भ कर ली जाये।