देहरादून : दो दिनों तक राजधानी देहरादून में चली इंवेस्टर समिट से प्रदेश में रोजगार के नए अवसर पैदा होने की उम्मीदें जगी है जिसमें पीएम मोदी हर सम्भव मदद का भरोसा दे गए हैं. वहीं देहरादून के रायपुर स्टेडियम में आयोजित इंवेस्टर समिट के दौरान कई स्टाॅल भी लगे जिन्होंने खूब वाहवाही लूटी लेकिन यूपीईएस के छात्रों के द्धारा तैयार की गई कम्यूनिकेशन डिवाइस मुख्य आकषर्ण का केंद्र रहा औऱ खूब सुर्खियां बटोरी.
यूपीईएस के छात्रों का कमाल
विषम भौगौलिक वाले प्रदेश उत्तराखंड में यूं तो मोबाईल क्नेक्टिविटी की सेवाएं भी पहाड़ों में बेहतर नहीं,लेकिन जब काई आपदा उत्तराखंड में आती है तो सबसे पहले वहीं मोबाईल सेवा बाधित हो जाती है, जिससे आपदा में फंसे व्यक्तियों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है क्योंकि कम्यूनिकेशन न होने के चलते प्रभावित हुए लोग तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है, लेकिन इस समस्या का समाधाना यूपीईएस के छात्रों ने एक एक डिवाइस तैयार कर ढूंढ लिया है, जिसका नाम कम्यूनिकेशन डिवाइस दिया गया है.
श्किल में फंसे लोगों की करंट लोकेशन का चलेगा पता
इस कम्यूनिकेशन डिवाइस से आसनी से मुश्किल में फंसे लोगों की करंट लोकेशन पता चल जाती है…इंवेस्टर समिट में लगे स्टाॅल में यूपीईएस यूनिवसिर्टी के द्धारा यह कम्यूनिकेशन डिवाइस प्रदर्शनी के तौर पर लगाई गई थी, जिसका दीदार उद्योगपतियों के साथ दूसरे दिन आम लोगों ने भी किया। यूपीईएस के असिस्टेंड प्रोफेसर विवक का कहना कि केदारनाथ आपदा के बाद उनके छात्रों ने इस बात पर ध्यान लगाया कि कैसे मुश्किल समय में मुश्किल समय में फंसे लोगों को आसानी से रेस्क्यू किया जा सकता है जिसको देखते हुए ये डिवाईस तैयार की गई है।
ये है डिवाइस की खास बात
डिवाइस की खास बात ये है कि ये डिवाइस रेडियो तरंगों के सहारे कम्येनिकेशन करती है। इस कम्यूनिकेशन डिवाइस के जरिए आपदा प्रभावित इलाकों में फंसे लोगो,ट्रैकिंग पर फंसे पर्यटकों सटीक लोकेशन का पता लगाया जा सकता है।
डिवाइस में होती है तीन यूनिट
पहली यूनिट स्टेबल होती है, जिसे एक जगह फिक्स कर दिया जाता है। वहीं दूसरी यूनिट उन लोगों के पास होगी जो ट्रैकिंग या यात्रा पर होंगे, जबकि एक डिवाइस रेस्क्यू करने वाली टीम के पास होगी जो डिवासइ कम्यूनिकेशन के जरिए यात्रियों या पर्यटकों तक पहुंच सकते हैं। हांलाकि इस डिवाइस की किमत अभी तय नहीं की गई, लेकिन इसकी किमत के साथ डिवाइस का आकार और छोटे किए जाने पर विचार किया जा सकता है।
आपदा में फंसे लोगों के लिए महत्वपूर्ण
उत्तराखंड जैसे विषम भौगोलिक वाले प्रदेश में ये कम्यूनिकेशन डिवाइस रेस्क्यू ऑपरेशन करने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि आपदा आने पर जहां यात्रियों की लोकेशन आसानी से पता चल जाएंगी वहीं ट्रैंकिंग पर फंसे पर्यटकों को भी इस कम्यूनिकेशन डिवाइस के जरिए बहुत कम समय में रेस्क्यू कर लिया जाएगा। बस जरूरत है तो इस डिवाइस को सभी यात्रियों और ट्रैंकिंग पर जाने वाले पर्यटकों के लिए अनिवार्य करने कि ताकि मुश्किल में फंसे लोगों को इसे क्विक रिसपांस टाईम में रेस्क्यू किया जाएग।