उत्तराखंड में उत्तर प्रदेश के विभिन्न गांवों में जहरीली शराब पीकर सैकड़ों लोगों की मौत हो जाने के मामले का उत्तर प्रदेश के सहारनपुर व उत्तराखंड की हरिद्वार जनपद पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए 48 घंटे के भीतर खुलासा कर दिया है. जिसमे खुलासा हुआ की शराब सहारनपुर से लाई गई थी औ झबरेड़ा में बेची जा रही थी. इस मामले में शराब सप्लाई करने वाले दो लोग जो कि मुख्य समझे जा रहे हैं उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके अलावा कुछ अन्य लोगों की तलाश की जा रही है इस मामले में यूं तो दोनों ही प्रदेशों की पुलिस ने संयुक्त रूप से विशेष मेहनत की किंतु सीआईयू रुड़की की टीम ने विशेष भूमिका निभाई ऐसा सूत्रों का कहना है। वहीँ आगे इस मामले की जांच एसआईटी करेगी.
दो राज्यों के एसएसपी ने किया खुलासा
दो प्रदेशों के पुलिस प्रशासन को हिला कर रख देने वाले इस मामले को लेकर आज हरिद्वार के एसएसपी जन्मेजय खंडूरी सहारनपुर के एसएसपी विनोद कुमार पी ने रुड़की सिविल लाइन कोतवाली में संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता करते हुए जानकारी दी की इस मामले में हरिद्वार व सहारनपुर पुलिस की संयुक्त टीम काम कर रही थी. मामले में दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया. इनके अलावा इस मामले में सरदार हरदेव सिंह का निवासी ग्राम पुंडेन थाना गागलहेड़ी जनपद सहारनपुर धारा पुत्र बुद्धू निवासी बिंदु खड़क जनपद हरिद्वार सुखविंदर उर्फ सुखी निवासी ग्राम पुंडेंन थाना गागलहेड़ी जनपद सहारनपुर फरार हैं. इनकी तलाश की जा रही है.
सहारनपुरसे लाई गई थी शराब, आरोपी ने किया खुलासा
दोनों जिलों के एसएसपी ने बताया कि पूछताछ में गिरफ्तार किए गए सोनू ने बताया कि 5 फरवरी को वह पुंडेेन से सुबह 5:00 बजे सरदार हरदेव उसके पिता सुखविंदर के यहां से 35 बोतल कच्ची शराब जो कि पाउच में थी लेकर आया था उसने घर आकर उसे खोल कर देखा तो वह कुछ अजीब सी लग रही थी क्योंकि वह सफेद दूधिया रंग की थी तभी सरदार देव को फोन कर उसने पूछा कि यह सफेद रंग की क्यों है तो उसने कहा कि बनाते समय उसका रंग काला हो गया था इसलिए मैंने इस में दूध मिला दिया था. उसमें कुछ डीजल की बदबू आ रही थी. इसलिए मैंने उसे भी पूछा था कि इसमें डीजल की बदबू क्यों आ रही है उसने कहा कि बर्तन डीजल वाला था इसलिए हल्की डीजल की बदबू आ रही है. ऐसा करके देख ले निकाल सकता है तो निकाल दे.
प्रति बोतल 70 खरीदा था और आगे 90 प्रति बोतल के हिसाब से भेज देता था- आरोपी
सोनू के अनुसार उसने उस में से 20 बोतल गजराज निवासी को दे दी और 2 बोतलों के 85 बनाकर उसमें चार-पांच ग्राहकों को बेच दिए तथा उसने धीर सिंह गुरचरण सिंह को भेज दिए. धीर सिंह ने एक और उसमें उसके घर पर ही पी लिया था. धीर सिंह ने कहा कि ये अजीब हो रही है और टेस्ट खराब है. धीर सिंह ने 3 पाउच वापस कर दिया. उसके बाद वह अपने घर चला गया. सोनू के अनुसार उसने बची शराब में से 3 पाउच बलमुआ के चंद्र भान को बेच दिए औऱ 45 उसने अपने घर पर ही एक अनजान व्यक्ति को दे दिए. फिर 6 फरवरी को सुबह 8:00 बजे सरदार हरदेव सिंह के यहां से 20 बोतल और लेकर आया जिसमें उसने सभी 20 बोतल बिंदु खड़क के बिट्टू को दे दी थी. 7 फरवरी को फिर सरदार हरदेव से दो 2 लीटर के पाउच लेकर आया. उसने पुलिस को बताया कि वह हरदेव सिंह से प्रति बोतल 70 खरीदा था और आगे 90 प्रति बोतल के हिसाब से भेज देता था.
जहरीली शराब की पेप्सी की बोतल और खाली पाऊच घर से बरामद
दोनों एसएसपी ने बताया कि इसी शराब के कारण यह मौतें हुई हैं. उन्होंने बताया कि सोनू वह उसका पिता एक प्रकार से शराब के सप्लायर हैं और शराब को कहां तैयार किया जा रहा था या किसके द्वारा इसे हरदेव तक पहुंचाया जा रहा था यह आगे जांच का विषय है. उन्होंने बताया कि सोनू उसके पिता की निशानदेही पर जहरीली शराब की खाली पेप्सी की बोतल खाली पाऊच उनके घर से बरामद कर लिए गए हैं. दोनों में कच्ची शराब गन्ने के खेत से बरामद की गई इसके साथ ही पुलिस लगातार सरदार हरदेव की तलाश में दबिश दे रही है सरदार हरदेव के पट्टे को नष्ट कर दिया गया है पत्रकार वार्ता के दौरान एसपी देहात नवनीत सिंह व सहारनपुर के कई अधिकारी मौजूद रहे।
हरीली शराब कांड मामले में उत्तराखंड के आबकारी आयुक्त दीपेंद्र चौधरी का बयान
जहरीली शराब कांड मामले में उत्तराखंड के आबकारी आयुक्त दीपेंद्र चौधरी ने भी बयान दिया था. आबकारी आयुक्त ने कह था कि शराब यूपी के सहारनपुर जिले से लाई गई थी. उन्होंने कहा कि इस बारे में जॉइंट कमिश्नर और डीसी ने प्रभावित क्षेत्र के लोगों से बात की है. बातचीत के दौरान वहां मौजूद दो लोगों ने जानकारी दी कि शराब बॉर्डर क्षेत्र सहारनपुर से लाई गई थी. यहां के लोगों के साथ ही यूपी से आए हुए लोगों ने भी शराब पी थी.