देहरादून : उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं ने जोर पकड़ा। हर कहीं सीएम को बदले जाने की बातें चल रही है। सीएम बदले जाने की खबर सोशल मीडिया पर हवा की तरह चल रही है।पूर्व हरीश रावत के ट्वीट ने भी राजनैतिक हलियारों में आंधी चला दी जिस पर सीएम त्रिवेंद्र रावत, सीएम के मीडिया सलाहकार और मदन कौशिक ने पलटवार किया है। त्रिवेंद्र सरकार के मंत्री मदन कौशिक ने मीडिया पर सवाल खड़े किए औऱ बोली कि कौन कह रहा है कि सीएम बदल रहा है।
सीेेएम ने हरीश रावत की समझ पर उठाए सवाल
वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पूर्व सीएम हरीश रावत के उत्तराखंड में राजनीतिक अस्थिरता बाले बयान पर पलटवार किया है। काठगोदाम सर्किट हाउस में मीडिया से रूबरू होते हुए सीएम त्रिवेंद्र रावत ने हरीश रावत की समझ पर सवाल उठाते हुए कहा दिल्ली में भाजपा की सीट और वोट प्रतिशत दोनों में बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली चुनाव में नुकसान सिर्फ कांग्रेस को हुआ है। कैबिनेट विस्तार के सवाल पर स्पष्ट जवाब देने के बजाय त्रिवेंद्र रावत चुटीले अंदाज में कहा उम्मीदों पर सारी दुनिया चलती है।
सीएम के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट की पोस्ट
सोशल मीडिया पर सभी अपनी बात रखने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन बिना तथ्यों की मनगढ़ंत बातें लिखने से आपकी विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं। राजनीतिक हलकों में कल से एक ट्वीट चर्चाओं में है। उस ट्वीट पर सूत्रों के हवाले का लेप लगाकर परोसा जा रहा है। दो विरोधी दलों के नेताओं का एक दूसरे पर टिप्पणी करना सामान्य है लेकिन उसे विश्वसनीय आधार मानकर ख़बरें परोस देना हास्यास्पद है। पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे अल्प समय में तजुर्बेकार लोगों के सानिध्य का सौभाग्य मिला है। तो इतना समझ सकता हूं कि इस तरह की ख़बरें बिल्कुल बेबुनियाद हैं। प्रचंड बहुमत वाली सरकार स्थिरता के साथ पांच साल का कार्यकाल पूर्ण करेगी। राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप के दौर में अपना नैरेटिव बनाने का चलन कहीं से भी विश्वसनीय नहीं होता। बहरहाल त्रिवेंद्र सरकार जनाकांक्षाओं को पूरा करते हुए मजबूती से आगे बढ़ रही है, बढ़ती रहेगी।
हरीश रावत का ट्वीट
पूर्व सीएम हरीश रावत ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए कहा था दिल्ली चुनाव व उत्तराखंड में मची हलचल स्पष्ट संकेत दे रहा है कि उत्तराखण्ड फिर राजनीतिक अस्थिरता की तरफ जा रहा है। बीजेपी उत्तराखण्ड में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने के लिए अपराधिक स्तर तक दोषी है। राज्य के जन्म के साथ ही भाजपा ने उत्तराखंड में अस्थिरता को जन्म दिया। ऐसा लगता है अस्थिरता की लत भाजपा को इतनी गहरी लग चुकी है कि वो छूटे नहीं छूट रही है।