उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट सुबह 10.44 पर निधन हो गया।बता दें कि सीएम के पिता 89 साल के थे जो की किडनी और लिवर की बीमारी से जूझ रहे थे जिनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। उनको 13 मार्च को इलाज के लिए दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था. वह पिछले कई दिनों से वेंटिलेटर पर थे। एएनआई ने इसकी पुष्टि की है। फिलहाल योगी के पिता के अंतिम संस्कार में जाने की फिलहाल कोई सूचना नहीं है।
सीएम ने मीटिंग को नहीं रोका
मीडिया रिपोट्स के अनुसार जब सीएम योगी के पिता का निधन हुआ तो सीएम योगी कोरोना संकट पर बनी टीम-11 की मीटिंग कर रहे थे. खबर मिलने के बाद भी मीटिंग को रोका नहीं गया है. एक तरफ पिता गंभीर थे लेकिन बेटा देश को कोरोना से बचाने के लिए जंग लड़ रहा था।
यूपी में तेजी में बढ़े कोरोना के मामले
बता दें कि यूपी में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जमातियों के कारण वहां कोरोना मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा। यूपी में कोरोना से 17 मौतें हो चुकी है साथ ही 1084 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है जिनका इलाज चल रहा है। वहीं तब से लेकर सीएम योगी कोरोना से लड़ने के लिए एक्शन में हैं और लगातार मीटिंग कर रहे हैं। साथ ही सीएम योगी कई स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भी अहम फैसले ले चुके हैं।
बेटा सीएम लेकिन नहीं छोड़ी देवभूमि
आपको बता दें कि सीएम योगी के पिता आनंद सिंह उत्तराखंड के यमकेश्वर के पंचूर गांव के निवासी हैं जो की उत्तराखंड में फॉरेस्ट रेंजर के पद से 1991 में रिटायर हुएए थे. तबसे लेकर अब तक वो गांव को नहीं भूले और न पहाड़ को। बेटा सीएम बन गया लेकिन उन्होंने अपनी देवभूमि को नहीं छोड़ा.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार योगी आदित्यनाथ बचपन में ही अपना परिवार को छोड़कर गोरखपुर महंत अवेद्यनाथ के पास चले आए थे. बाद में योगी आदित्यनाथ ने महंत के रूप में अवेद्यनाथ की जगह ली. सीएम योगी आदित्यनाथ की अपने पिता आनंद सिंह बिष्ट से ज्यादा मुलाकात नहीं होती थी. और न ही बहनों से या परिवार के अन्य सदस्यों से।
सीएम योगी कोरोना से देश की औऱ यूपी की जनता को बचाने के लिए दिन रात काम कर रहे हैं। पूरे देश में सीएम योगी के काम और तुरंत एक्शन लेने की तारीफ हो रही है। वहीं कई ऐसे मौके रहे हैं जब सीएम योगी अपने पिता और परिवार से मिल औऱ उनको याद कर भावुक भी हुए हैं।