उत्तराखंड बीजेपी संगठन और सरकार के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। निकाय चुनाव के परिणाम आने के बाद अब बीजेपी में मनमुटाव दिखने लगा है। शायद इसी का नतीजा है कि गैरसैंण में सत्र कराने और न कराने को लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के बीच बयानबाजी शुरु हो गई है। जहां एक ओर अजय भट्ट अपनी सरकार की सीख दे रहे थे कि गैरसैंण में सत्र कब कराया जाए तो वहीं सीएम ने दो टूक कह दिया है कि गैरसैंण में सत्र कब और कैसे कराना है ये फैसला सरकार को लेना है किसी और को नहीं।
सीएम त्रिवेंद्र ने कहा है कि उनकी सरकार अब तक दो सत्र गैरसैंण में करा चुकी है। वहां बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा रहीं हैं।
आपको बता दें कि शीतकालीन सत्र देहरादून में ही आयोजित हो रहा है। उम्मीद थी कि गैरसैंण में सत्र का आयोजन किया जाएगा। इसी बीच बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने बयान दिया था कि गैरसैंण में सत्र का आयोजन तब तक न हो जब तक वहां सुविधाएं न विकसित हो जाएं। अजय भट्ट ने ये भी कहा था कि वो तब तक गैरसैंण में सत्र कराने के पक्षधर नहीं हैं जबतक वहां सुविधाएं मुहैया न हो जाएं।
अजय भट्ट के इस बयान के बाद सीएम ने अजय भट्ट को दो टूक जवाब दे दिया है। सीएम ने अपने बयान में साफ कर दिया है कि गैरसैंण में सत्र कराने या न कराने का फैसला सरकार करेगी। सीएम के इस तल्ख बयान के सियासी माएने निकाले जा रहें हैं। निकाय चुनावों में सीएम के विधानसभा क्षेत्र में नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद पर बीजेपी की हार हुई थी। इसके बाद से सीएम संगठन के निशाने पर थे। हालांकि कोई नेता खुल कर नहीं बोल पा रहा था लेकिन अंदर ही अंदर चर्चाएं चल रहीं थीं।