देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज सीएम आवास में शिक्षक आशीष की हौसला अफजाई की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आशीष जैसे ऊर्जावान शिक्षकों से मिलकर बहुत ख़ुशी होती है। यह खुशी की बात है कि उत्तराखंड में बहुत से अच्छे शिक्षक हैं जो तमाम मुश्किलों के बावजूद समाज को नई दिशा दे रहे हैं।
सोशल मीडिया पर छाए आशीष
आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर उत्तराखंड के एक शिक्षक आशीष डंगवाल इन दिनो चर्चा का विषय बने हुए हैं. उनके स्वभाव, काम करने के तरीके से छात्र-छात्राएं और गांव वाले इतने प्रभावित हुए कि जब उनका ट्रांसफर हुआ तो न सिर्फ स्कूल के बच्चे रोए बल्कि पूरा गांव, बच्चे-बूढ़े, महिलाएं सबकी आंखे नम हुई. सबने ढोल-धमो के साथ उनकी विदाई की भले ही आंखों में आंसू थे लेकिन दिल में आशीष डंगवाल के लिए प्यार था कि एक ऐसा शिक्षक एक उम्दा इंसान उनसे दूर जा रहा है.
उत्तराखंड में शिक्षक पहाड़ चढ़ने से डरते हैं
एक ओर जहां उत्तराखंड में शिक्षा व्यवस्था लचर है. शिक्षक स्कूल आने से कतराते हैं औऱ पहाड़ नहीं चढ़ना चाहते हैं. स्कूलों के भवन की हालत जर्जर है ऐसे में ऐसा शिक्षक सभी शिक्षकों के लिए एक मिसाल है. उत्तरकाशी में असी गंगा घाटी स्थित राजकीय इंटर कॉलेज भंकोली में तैनात आशीष जैसे शिक्षक ने स्कूली बच्चों को ज्ञान तो दिया है साथ ही अपनी ऐसी छवि बनाई कि आज गांव के बच्चे से लेकर बच्चों के अभिभावक और गांव के बूढ़े भी प्रभावित हैं. आज हर कोई आशीष डंगवाल के स्वभाव का दिवाना बन गया है औऱ ये विषय सोशल मीडिया पर छाया है. सीएम त्रिवेंद्र रावत ने भी खुद सोशल मीडिया पर लिखते हुए शिक्षक आशीष डंगवाल की तारीफ की औऱ उनके काम से प्रभावित हुए. सीएम ने लिखा कि ऐसे युवाओं को समाज की जरुरत बताया.
सीएम ने लिखी पोस्ट, कही ये बात
सीएम ने लिखा कि उत्तरकाशी के GIC भंकोली से शिक्षक श्री आशीष डंगवाल की विदाई के वक्त की ये तस्वीरें बयां करती हैं कि आशीष न सिर्फ एक अच्छे शिक्षक की भूमिका निभा रहे हैं, बल्कि समाज के प्रति अपने दायित्यों का सफल निर्वहन कर रहे हैं। शिक्षक आशीष आज के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। समाज को आशीष जैसे लोगों की जरूरत है।
आशीष डंगवाल ने लिखी पोस्ट, कहा- आपका बेटा लौटकर आएगा
मेरी प्यारी केलसू घाटा, आपके प्यार, आपके लगाव ,आपके सम्मान, आपके अपनेपन के आगे, मेरे हर एक शब्द फीके हैं सरकारी आदेश के सामने मेरी मजबूरी थी मुझे यहां से जाना पड़ा ,मुझे इस बात का बहुत दुख है! आपके साथ बिताए 3 वर्ष मेरे लिए अविस्मरणीय हैं। भंकोली, नौगांव, अगोड़ा, दंदालका, शेक, गजोली, ढासड़ा के समस्त माताओं, बहनों, बुजुर्गों, युवाओं ने जो स्नेह बीते वर्षों में मुझे दिया मैं जन्मजन्मांतर के लिए आपका ऋणी हो गया हूँ। मेरे पास आपको देने के लिये कुछ नहीं है ,लेकिन एक वायदा है आपसे की केलसु घाटी हमेशा के लिए अब मेरा दूसरा घर रहेगा. आपका ये बेटा लौट कर आएगा। आप सब लोगों का तहेदिन से शुक्रियादा । मेरे प्यारे बच्चों हमेशा मुस्कुराते रहना। आप लोगों की बहुत याद आएगी। 🙏🏻🙏🏻
रुद्रप्रयाग जिले के श्रीकोट गांव निवासी हैं आशीष
आपको बता दें कि रुद्रप्रयाग जिले के श्रीकोट गांव निवासी 27 वर्षीय आशीष डंगवाल को वर्ष 2016 में राइंका भंकोली में सामाजिक विज्ञान के एलटी शिक्षक के तौर पर पहली नियुक्ति मिली थी। विद्यालय में तीन साल तक कार्य करने के बाद हाल ही में उन्होंने प्रवक्ता पद की परीक्षा उत्तीर्ण की। जिसके चलते उनका ट्रांसफर अब टिहरी के राइंका गरखेत में हो गया है। 21 अगस्त को विद्यालय में विदाई समारोह का आयोजन किया गया। जहां शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं के साथ ही स्थानीय ग्रामीणों ने उन्हें भावभीनी विदाई दी।