मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आगामी यात्राकाल में श्रद्धालुओं को और अधिक बेहतर सुविधाएँ प्रदान की जाएगी। गौरीकुण्ड से केदारनाथ तक घोड़े-खच्चर व पैदल यात्रियों के लिए अलग-अलग दो रास्ते बनाए जाएगे…
सीएम समेत मुख्य सचिव ने सरस्वती नदी पर बन रहे बाढ़ सुरक्षा कार्य व मंदाकिनी नदी का जायजा भी लिया। मुख्यमंत्री ने निम की कैंटीन व्यवस्थाओ का जायजा लेने के साथ ही धाम में कार्य कर रहे मजदूर, कर्मचारियों के हाल-चाल भी जाना…उन्होने कहा कि पुननिर्माण कार्य में लगे मजदूरों को किसी प्रकार की कमी न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि केदारनाथ में संचालित पुनर्निर्माण कार्य पर्यावरण के अनुरूप किए जा रहे है। साथ ही कार्यदायी संस्था को मन्दिर परिसर के पीछे स्थित पत्थरों के आस-पास सफाई करने के निर्देश दिए है। उन्होने कहा कि इन पत्थरों को हटाया नहीं जाएगा बल्कि इस प्रकार रूपांतरित किया जाएगा जिससे श्रद्धालु आस-पास घूम सके एवं योगाभ्यास कर सके.
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक पी.एन.मीना, अधिशासी अभियंता लो.नि.वि. मनोज दास, डॉ गैरोला, विशाल वर्मा, प्रभारी अधिकारी देवानंद एवं जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।