देहरादून- सूबे की सरकारों को कई तरह की मदद करने वाली हंस फाउण्डेशन के सानिध्य में बन रही शिवंश खाद के बनाने की प्रकिया का प्रस्तुतिकरण आज मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के सामने किया गया। शिवंश खाद की खूबियों के बारे में जो बताया गया उससे मुख्यमंत्री काफी प्रभावित दिखाई दिए।
सीएम त्रिवेंद्र रावत ने शिवंश खाद बनाने की विधि को सरल एवं कम समय में तैयार होने वाली देसी खाद बताया। उन्होंने कहा कि देसी विधि से खाद तैयार करने से किसानों की खेती के लिये यूरिया एवं महगें रसायनों की निर्भरता कम होगी तथा पानी की भी खपत कम होगी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कृषि और उद्यान महकमे के अधिकारियों को शिवंश खाद बनाने के लिए किसानों को जागरूक करने के हिदायत दी। उन्होंने कहा कि कृषकों को खेती के आधुनिक तरीकों के प्रयोग के लिए भी जागरूक किया जाना जरूरी है। कृषकों को उत्पादकता बढ़ाने के लिए अधिक पैदावार वाली किस्मों की जानकारी एवं जैविक कृषि को बढ़ावा दिये जाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाए।
वहीं हंस फाउण्डेशन के प्रतिनिधि ने शिवंश खाद की खूबियों से परिचित कराते हुए बताया कि ये खाद 18 दिन में बनकर तैयार हो जाती है। इस खाद को किसान खुद तैयार कर अपनी आमदनी को 10 गुना तक बढ़ा सकते हैं। वहीं उन्होंने बताया कि इस जैवीक खाद के इस्तमाल से कृषि उपज में 15 से 40 प्रतिशत तक का इज़ाफा हो सकता है।
साथ ही इस खाद का प्रयोग करने में सिंचाई के लिए कम पानी की जरूरत होती है। वहीं उन्होंने बताया कि इस खाद को बनाने के लिए सूखी, हरी पत्तियों एवं गोबर के सही अनुपात की जरूरत होती है। इस खाद में फसलों के लिये सभी आवश्यक पोषण तत्व मिल सकते हैं।
प्रस्तुतिकरण के दौरान कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों को शिवंश खाद के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, ताकि इस खाद को बनाने की विधियों की तकनीक को महकमा किसानों को मुहैय्या करवा सके।
इस अवसर पर सूबे के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, अपर सचिव डाॅ.मेहरबान सिंह बिष्ट, कृषि निदेशक गौरी शंकर, हंस फाउण्डेशन के ललित कुमार अधिकारी, श्री विनोद कुमार एवं सभी जनपदों के मुख्य कृषि अधिकारी एवं उद्यान अधिकारी उपस्थित थे।