देहरादून- पिछले कई दिनों से अपनी दो सूत्रीय मांग को लेकर देहरादून मे जुटे वन आरक्षियों को सरकार ने उनके फर्ज का आईना दिखाते हुए हड़ताल खत्म करने की नसीहत दी।
सीएम रावत का अंदाज ऐसा था कि वन रक्षकों ने अपने तेवर ढीले करते हुए अश्वासन का घूंट पीकर अपनी हड़ताल खत्म कर दी।
गौरतलब है कि वनआरक्षी वनदरोगा के पदों पर सीधी भरती का विरोध कर रहे थे। साथ ही प्रमोशन के लिए 10 साल की सेवा की अनिवार्यता को भी खत्म करने का सरकार पर दबाव बना रहे थे। हालांकि बताया जा रहा है कि सूबे के वन मंत्री हरक सिंह रावत ने वन रक्षकों को कुछ आश्वासन दिया है।
उधर सीएम त्रिवेंद्र रावत ने मीडिया के जरिए हड़ताली जमात को नसीहत देते हुए कहा कि हड़ताल किसी भी मर्ज का इलाज नहीं है। हड़ताली वन रक्षकों को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि जिस मौसम में जंगल आग की चपेट में आ जाते हैं ऐसे वक्त में वन रक्षकों की हड़ताल कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकती। इस समय वन की हिफाजत करने वाले जंगलों की देखभाल नहीं करेंगे तो कैसे काम चलेगा।
हड़ताली वन आरक्षियों को सीएम त्रिवेंद्र रावत ने तल्ख तेवर दिखाते हुए दो टूक कहा, हड़ताल खत्म नहीं होगी तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और सरकार काम नहीं तो वेतन नहीं के सिद्धांत पर अमल करेगी।