हरिद्वार: जिला कारागार अभी तक कैदियों के फोन चलाने को लेकर सुर्खियों में था लेकिन अब ऐसा मामला सामने आया है जिससे शासन-प्रशासन दोनो हिल गए है. जी हां जिला जेल से अब एक कैदी का वीडियो जारी हुआ है। हत्या के मामले में जेल में बंद बरेली उत्तर प्रदेश के गुरविंद्र सिंह संधू ने तीन मिनट आठ सेकेंड का वीडियो बनाकर जेल अधीक्षक पर संगीन आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से इंसाफ की गुहार लगाई है।
मारपीट का आरोप लगाते हुए अपनी पीठ पर जख्म भी दिखाए
कैदी ने मारपीट का आरोप लगाते हुए अपनी पीठ पर जख्म भी दिखाए हैं। पहले मोबाइल और अब कैदी का वीडियो जेल की चाहरदीवारी से बाहर आने पर जेल प्रशासन पर कई सवालिया निशान खड़े कर रहा है औऱ साथ ही अधीक्षक की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। वहीं प्रमुख सचिव गृह आनंदवर्द्धन ने आइजी जेल और हरिद्वार डीएम से रिपोर्ट मांगी है।
बुरी तरह की जाती है पिटाई, दी जाती है धमकी
आपको बता दें बीते 27 फरवरी को बरेली निवासी गुरविद्र और तीन मार्च को मेरठ निवासी चांद मोहम्मद के पास से मोबाइल बरामद होने पर उनके खिलाफ अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। इनमें गुरविंद्र सिंह का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें गुरुविद्र ने जेल में उसके साथ हुए क्रूर व्यवहार के बारे में बताया. उसका आरोप है कि जेल अधीक्षक ने बंदी रक्षकों के साथ मिलकर उसकी बुरी तरह पिटाई की और जेल से ट्रांसफर करने की धमकी दी जाती है।
ड्रग्स माफिया से जेल प्रशासन की सांठगांठ के आरोप
ड्रग्स माफिया से जेल प्रशासन की सांठगांठ के आरोप भी कैदी ने लगाए हैं। उसका कहना है कि जेल प्रशासन ने उसकी मिलाई पर भी रोक लगा दी है और अकेले तनहाई में बंद कर उसका मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। कैदी ने मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है। बहरहाल प्रमुख सचिव आनंदवर्द्धन ने इस पूरे मामले पर आइजी जेल और जिलाधिकारी हरिद्वार को जांच कर तत्काल रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
पंजाब से आए अकाली नेताओं ने की थी मुलाकात
गुरविद्र सिह से चार दिन पहले ही पंजाब से आए अकाली नेताओं ने मुलाकात की थी। चंडीगढ़ से आए शिरोमणी अकाली दल के नेताओं को गुरविद्र सिंह सहित सिख कैदियों पर जेल में अत्याचार की शिकायत मिली थी। तब जेल अधीक्षक ने अकाली नेताओं की कुख्यात लक्कड़ पाला व गुरविद्र सिंह सहित अन्य सिख कैदियों से मुलाकात कराई थी।
अकेले तैयार नहीं किया वीडियो
गुरविंद्र ने तीन मिनट आठ सेकेंड का वीडियो अकेले तैयार नहीं किया है। सामने खड़े होकर किसी दूसरे व्यक्ति ने वीडियो रिकॉर्ड किया है। वीडियो के आखिर में उसकी आवाज भी सुनाई दे रही है। वहीं जेल प्रशासन इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं है कि वीडियो मोबाइल से बनाया गया है। अधिकारियों को शक है कि वीडियो बनाने में स्पाई कैमरे का इस्तेमाल भी हो सकता है।
पुलिस प्रशासन पर खड़े हुए सवालिया निशान
वहीं एसएसपी हरिद्वार कृष्ण कुमार वीके की ओर से भी आइजी जेल को रिपोर्ट भेजी जा चुकी हैं। इसके बावजूद शासन की तरफ से अभी तक जेल प्रशासन के किसी अधिकारी या कर्मचारी की जिम्मेदारी तय नहीं की गई। लगातार आ रही ऐसी शिकयतों से पुलिस प्रशासन पर कई सवालिया निशान खड़े हो गए है.
वीडियो कैसे बना चल रही जांच
वही जेलर जिला कारागार का कहना है कि जेल में कैदी ने वीडियो कैसे बनाया, इसकी जांच की जा रही है। वीडियो में लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। 27 सितंबर को गुरुविद्र के पास से मोबाइल मिलने पर उसे अन्य कैदियों से अलग तन्हाई में रखा गया है। वीडियो मोबाइल से रिकॉर्ड किया गया है या स्पाई कैमरे से बनाया गया है, इसकी भी जांच की जा रही है।