देहरादून-सचिवालय में अनुभागों में पत्रकारों के प्रवेश को प्रतिबंधित किए जाने के सरकार के कदम से मीडिया जगत में भड़के रोष के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सफाई देने के लिए आगे आना पड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय में मीडिया पर कोई पाबंदी नहीं है। गलत और भ्रामक सूचनाओं से जनता के बीच गलत संदेश जा रहा है। मीडिया से पुष्ट खबरें प्रसारित करने का अनुरोध किया गया है।
दरअसल, बीती 27 दिसंबर को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने फरमान जारी कर सचिवालय में अनुभागों में अनधिकृत बाहरी व्यक्तियों के साथ पत्रकारों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया। पत्रकारों व मीडिया पर लगे इस प्रतिबंध के बाद पत्रकार समुदाय में रोष भड़क गया। पत्रकार संगठनों ने इस मुद्दे पर बैठक कर सरकार के फैसलों का विरोध किया। वहीं विभिन्न राजनीतिक दलों और स्वैच्छिक संगठन भी इस मामले में खुलकर पत्रकारों के समर्थन में आगे आ गए।
विरोध के इन सुरों के चलते मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सरकार के उक्त कदम पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि सचिवालय में मीडिया पर कोई पाबंदी नहीं है। सूत्रों के हवाले से आने वाली कई खबरें सरकार और मीडिया की विश्वासनीयता को प्रभावित कर रही थी। ऐसे में सूचनाएं अधिकृत हो, गलत और भ्रामक सूचनाएं प्रसारित न हों, इसके लिए जरूरी है कि खबरें पुष्ट करने के बाद ही जारी की जानी चाहिए। इससे जनता के बीच गलत संदेश नहीं जाएगा। पुष्ट खबरें ही प्रसारित करने का अनुरोध किया गया है।
उधर, सचिवालय में सूचना महानिदेशक की गैर मौजूदगी में अपर निदेशक डॉ अनिल चंदोला ने सचिवालय में भ्रमण कर शासनादेशों व सूचनाओं की पड़ताल की, लेकिन सूचनाएं नहीं मिलने के बाद वह पत्रकारों से संपर्क साधे बगैर लौट गए।