देहरादून। युवाओं को कांग्रेस से जोड़ने के लिए सीएम फॉर यूथ संस्था के ज़रिए कई कार्यक्रम करा चुके मुख्यमंत्री के करीबियों ने रातों रात कैंपेन का नाम ही बदल दिया है। अब तक सीएम फॉर यूथ के ज़रिए युवाओं को लुभाने वाली कैंपेन का नया परिचय हरीश रावत फॉर यूथ है। जानते है क्यों? वाकई बड़ा दिलचस्प है।
चुनाव आयोग का खौफ आचार संहिता के लागू होने से पहले कांग्रेसियों पर तारी है। ये ही वजह है कि रातों रात संस्था का नाम ही बदल
दिया है। अब हरीश रावत फॉर यूथ का नया खुलासा मंगलवार को कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास पर उस वक्त हुआ जब सीएम फॉर यूथ के तहत 25 स्कूलों के बच्चों को पुरुस्कार से नवाज़ा गया। दरअसल यहां जो बैनर लगा था उससे सीएम फॉर यूथ की जगह हरीश रावत फॉर यूथ लिखा था।
इसके अलावा मुख्यमंत्री की कई योजनाओं के बाबत जिस कैलेंडर का सीएम हरीश रावत ने अनावरण किया वहां निवेदक के तौर पर हरीश रावत फॉर यूथ छपा है। अचानक हुए इस परिवर्तन के बारे में कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। काफी कुरेदने पर सीएम आवास से जुड़े कुछ खास लोगों ने साफ किया कि आचार संहिता लागू होने पर सीएम शब्द से बचने के लिए ये सारा ड्रामा खेला गया।
कुल मिलाकर खाता न बही, जो हरीश रावत कहें वो ही सही का नारा कांग्रेसियों के गले की फांस बन गई है। ऐसे में सीएम के खास सलाहकारों की सलाह पर ही सीएम फॉर यूथ को हरीश रावत फॉर यूथ का नया नारा दिया गया है। मान गए भई, जो किसी से नहीं डरे उनपर भी समय से पहले ही चुनाव आयोग का खौफ तारी है।