देहरादून, संवाददाता- कांग्रेस का कुनबा कम हो रहा है जबकि भाजपा का बढ रहा है । माना जा रहा है कि नेताओं के पाला बदलने की ये कवायद आने वाले वक्त में दोनों दलों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। जहां एक दल के पास चुनाव के लिए कद्दावर नेताओं का टोटा पड़ सकता है वहीं दूसरे दल के पास नेताओं की इतनी बड़ी फौज बन जाएगी कि जनरलों की फौज मे सिपाही कौन है ये पहचानना मुश्किल हो जाएगा। बहरहाल सूबे के मुखिया हरीश रावत ने नेताओं की इस आवाजाही पर चुटकी लेते हुए कहा कि अगर मोदी नोटों पर अपना फैसला मार्च के महीने लेते तो हमारे अपने बागी नहीं होते। रावत ने कांग्रेस से भाजपा में जा रहे नेताओं पर चुटकी लेते हुए कहा कि भाजपा चारा ड़ाल कर कांग्रेसियों को बुला रही है