उत्तरकाशी : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावतएडवेंचर ने कहा कि साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के हर संभव प्रयास किये जायेंगे। राज्य सरकार ने एडवेंचर का अलग से एक विभाग बनाने का निर्णय लिया है जिसका अखिल भारतीय सेवा अधिकारी के निर्देशन मैं यह काम करेगा । उन्होंने समिट में कहा कि साहसिक पर्यटन को लेकर जो भी सुझाव आये हैं, उन पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमालय में सेंसिटिव एरिया को लेकर जहाँ पर्यटन की संभावना है, लेकिन सीमांंत जनपद जनपद होने से इनर लाइन की भी कठिनाई आ रही है. इसमें ढील देने के लिये भारत सरकार से वार्ता की चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा जो भी ट्रेकिंग और मॉन्टेनरिंग को लेकर जो भी सुझाव दिये हैं वह विचारणीय है। कार्यक्रम शुभारंभ से पहले मुख्यमंत्री ने जिले की 89 करोड़ की लागत से पुरोला,यमुनोत्री, गंगोत्री विधानसभा की कुल 27 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया।
इस दौरान गंगोत्री विधायक गोपाल रावत ने कहा कि पर्यटन को लेकर आज होम स्टे योजना साकार हो रही है। मॉन्टेनरिंग व ट्रेकिंग में भी स्वरोजगार से लेकर रोजगार बढ़ाने के लिये यह मॉन्टेनरिंग समिट कारगर साबित होगा। उन्होंने गंगोत्री घाटी के दर्जनों ट्रेकिंग मार्गों को प्रोत्साहित व इनको विकसित करने की मांग उठाई। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी मेंं जिला प्रशासन व नेहरू संस्थान के सयुंक्त रूप से जनपद में पहली बार दो दिवसीय माउंटेनियरिंग समिट कार्यक्रम के बत्तौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान पर जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने सभी मुख्य अतिथियों को मोमेंटो भेंट किया।
कार्यक्रम के दौरान निम की ओर से कैप्टन सुदेश ने गंगोत्री घाटी व नजदीकी ग्लेशियर में शीतकाल में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये वन विभाग की बंदिशें हटाने की मांग की। उन्होंने मुख्यमंत्री से साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये सहूलियतें देने की भी मांग की। समिट का समापन करते हुये यमुनोत्री क्षेत्र के विधायक केदार सिंह रावत ने कहा कि उत्तरकाशी जिले मैं पर्यटक की अपार संभावनाएं हैं यहां हरकीदून ,हनुमान चट्टी सहित कई स्थानों में ऐसे बुग्याल है जो पर्यटकों के रिझाने के लिए काफी हैं।