मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को राज्य भर के सभी जिलों की 326 मेधावी लड़कियों को पुरस्कार के रूप में मोबाइल फोन प्रदान किए, जिन्होंने 2024 और 2025 में बोर्ड परीक्षाओं में टॉप किया। इस दौरान बच्चियों के चेहरे मुस्कान से खिल उठे।
326 टॉपर्स को दिए मोबाइल फोन
शनिवार को मुख्य सेवक सदन में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर ‘बालिका शिक्षा प्रोत्साहन कार्यक्रम’ का भव्य आयोजन किया गया। सीएम धामी ने अपने संबोधन में कहा कि साल 2013 में शुरू किए गए इस कार्यक्रम के तहत अब तक प्रदेश की कुल 2029 मेधावी बालिकाएं तकनीकी रूप से सशक्त बन चुकी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बालिकाओं, महिलाओं को आर्थिक व सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास में जुटी है।
बेटियों की आर्थिक आजादी के लिए प्रतिबद्ध है सरकार: मंत्री
कार्यक्रम में मौजूद महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने अपने संबोधन में डॉ. भीमराव अंबेडकर के उस विचार का उल्लेख किया, जिसमें समाज की प्रगति को महिलाओं की प्रगति से मापने पर बल दिया गया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार बेटियों के सशक्तिकरण और आर्थिक आजादी के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। कैबिनेट ने प्रदेश की बेटियों को चुनौतियों का सामना करते हुए खुद अपने रास्ते गढ़ने का आह्वान किया।
लैंगिक असमानता की स्थिति में हुआ सुधार: मंत्री
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि प्रदेश में लैंगिक असमानता की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। प्रदेश सरकार ने सरकारी नौकरी में महिलाओं के लिए 30% आरक्षण की व्यवस्था कर उनके लिए अवसर बढ़ाए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने समान नागरिक संहिता लागू (UCC) करके हर महिला को बराबरी का अधिकार दिलाने का मार्ग प्रशस्त किया है।



