अधिवक्ता अरुण कुमार भदौरिया ने बताया कि मातृसदन जगजीतपुर के ब्रह्मचारी दयानंद ने शुक्रवार को एक परिवाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आनंद वर्धन, जिलाधिकारी हरिद्वार दीपक रावत, एडीएम प्रशासन भगवत किशोर मिश्रा, सिटी मजिस्ट्रेट मनीष कुमार सिंह, प्रबंध निदेशक उत्तराखंड वन विकास एसटीएस लेपचा और प्रभागीय लौंगिक प्रबंधक ज्वालापुर के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में दाखिल किया।
जिसमें उन्होंने कहा कि उनके गुरु स्वामी शिवानंद जी महाराज अवैध खनन के खिलाफ काफी दिन से संघर्षरत हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सात दिसंबर को साढ़े 11 बजे सिटी मजिस्ट्रेट हरिद्वार मनीष कुमार सिंह अपने साथ बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को लेकर आश्रम में घुस आए थे।
वे जबरदस्ती ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को एंबुलेंस में कहीं ले गए। जबकि आत्मबोधानंद शांतिपूर्वक रूप से अनशन कर रहे थे, उनको ले जाने की कोई लिखित या मौखिक सूचना अभी तक नहीं दी गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी पूर्व में भी माफियाओं के इशारे पर दो संतों की हत्या कर चुके हैं।
इसी प्रकार आत्मबोधानंद को भी हत्या के उद्देश्य से उठाया गया है। सुनवाई के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आशुतोष मिश्रा ने परिवाद को सुनवाई के लिए प्रथम अपर सिविल जज वरिष्ठ वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट हरिद्वार के न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया है, परिवाद में सुनवाई के लिए 11 दिसंबर की तिथि नियत की गई है।