रुद्रप्रयाग : बाबा केदारनाथ के कपाट भैयादूज पर्व पर वैदिक मंत्रोच्चार और पौराणिक विधि विधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। इसके साथ ही आज ही यमुनोत्री मंदिर के कपाट भी बंद होंगे। वहीं बदरीनाथ धाम के कपाट 20 नवंबर को बंद होने हैं। आपको बता दें 7 नवंबर को दिवाली के पीएम मोदी ठीक कपाट बंज होने के पहले बाबा केदार के दर्शन करके गए थे.
ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में संपन्न होगी पूजा अर्चना
केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद अब शीतकाल के छह माह में भोले बाबा की पूजा अर्चना ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में संपन्न होगी। वहीं मां यमुना के दर्शन उनके मायके व शीतकालीन प्रवास खुशीमठमें कर सकेंगे।
मंदिर को चारों ओर से 10 कुन्तल फूलों से सजाया
कपाटबंदी के मौके पर बदरी-केदार मंदिर समिति ने केदारनाथ मंदिर को चारों ओर से 10 कुन्तल फूलों से सजाया हुआ है। वहीं श्रद्धालुओं की भीड़ की ओर से लगाए गए बाबा के जयकारों से पूरी केदारपुरी गूंजती रही। इस दौरान 1785 श्रद्धालु मौजूद थे।
हरसाल विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ के कपाट खुलने का समय माहशिव रात्रि पर्व पर तय होती है, जबकि मंदिर के कपाट बंद होने की तिथि पौराणिक परम्परा अनुसार भैयादूज पर्व पर निर्धारित है। इस वर्ष भी आज भैयादूज पर्व पर केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए पौराणिक रीति रिवाजों के साथ बंद कर दिए गए।
कपाट बंद होने से पूर्व पुजारी ने मंदिर के गर्भगृह में सुबह तीन बजे से विशेष पूजा अर्चना शुरू कर दी थी। भागवान को भोग लगाने के उपरान्त भक्तों ने केदारबाबा के दर्शन किए। इसके बाद भगवान को समाधि पूजा के बाद गभगृह के कपाट बंद कर दिए गए। अंत में मंदिर के मुख्य कपाट सुबह ठीक 8 बजकर 14 मिनट पर बंद कर दिए गए।