Big News : फर्जी सिग्नेचर मामले में सतपाल महाराज और कर्मचारी आमने सामने - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

फर्जी सिग्नेचर मामले में सतपाल महाराज और कर्मचारी आमने सामने

Reporter Khabar Uttarakhand
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उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के फर्जी साइन करने के मामले में अब सचिवालय संघ और मंत्री ही आमने सामने हो गए हैं। इस मामले में अब मंत्री जी पर उनके निजी सचिव के खिलाफ लिखाए गए मुकदमे को वापस लेने का दबाव बनने लगा है।

दरअसल हाल ही में सतपाल महाराज के निजी सचिव रहे आईपी सिंह के खिलाफ देहरादून के डालनवाला थाने में धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज किया गया है। इस मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि आईपी सिंह ने मंत्री सतपाल महाराज के फर्जी डिजिटल सिग्नेचर कर इंजीनियर अयाज अहमद को पीडब्ल्यूडी की एचओडी बनाने का अनुमोदन दे दिया। जिस समय इस फाइल पर डिजिटल सिग्नेचर हुए उस समय मंत्री सतपाल महाराज से अनुमोदन नहीं लिया गया।

अब मुकदमा दर्ज होने के साथ ही कई खुलासे भी हो रहें हैं और पक्ष और विपक्ष में तलवारें भी खिंचने लगी है। दरअसल इस मामले के में मुकदमा होने के बाद सामने आया है कि उसी दिन आईपी सिंह ने कुछ और फाइलों पर भी अनुमोदन दिया लेकिन मंत्री सतपाल महाराज के स्टाफ के जरिए उन फाइलों के बारे में मुकदमे में कोई चर्चा नहीं की गई है। इसके साथ ही आईपी सिंह के शासन की जांच में पाक साफ पाए जाने की चर्चा भी है।

बताया जा रहा है कि ये मामला मई का है और आईपी सिंह की सचिवालय स्तर पर जांच भी कराई गई। इस जांच में आईपी सिंह पाक साफ पाए गए और उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। शासन ने उन्हे क्लीन चिट दे दी।

अब पुलिस में मुकदमा दर्ज होने के बाद सचिवालय संघ आईपी सिंह के समर्थन में खड़ा हो गया है। सचिवालय संघ की माने तो आईपी सिंह को जब सचिवालय स्तर पर जांच में क्लीन चिट दी जा चुकी है तो फिर पुलिस में मुकदमा क्यों दर्ज कराया गया।

वहीं इस मामले में मंत्री सतपाल महाराज ने भी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने सचिवालय स्तर पर हुई जांच पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। मीडिया में प्रकाशित उनके बयानों के मुताबिक उनसे इस बारे में पूछताछ हुई ही नहीं तो आईपी सिंह को क्लीनचिट कैसे दी जा सकती है?

वहीं अब सचिवालय संघ ने मंत्री सतपाल महाराज पर दबाव बनाना शुुरु कर दिया है। सचिवालय संघ चाहता है कि आईपी सिंह के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा वापस लिया जाए।

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