हरिद्वार : भारत माता मंदिर के संस्थापक निवृत्त शंकराचार्य पद्मभूषण स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी मंगलवार सुबह हरिद्वार में उनके निवास स्थान राघव कुटीर में ब्रह्मलीन हो गए। वह पिछले 15 दिनों से गंभीर रूप से बीमार थे और उनका देहरादून के मैक्स हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। लंबे समय तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद उन्हें 5 दिन पहले हरिद्वार स्टेट उनके आश्रम ले आया गया था। यहीं पर उनकी कुटी को आईसीयू में तब्दील कर उनका इलाज चल रहा था। साथ ही उनके दीर्घायु होने की कामना को लेकर धार्मिक अनुष्ठान भी किए जा रहे थे।
वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भारतमाता मंदिर हरिद्वार के संस्थापक व महामण्डलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरी जी महाराज के ब्रह्मलीन होने पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरी जी महाराज ने पूरे विश्व में ज्ञान, धर्म व आध्यात्म की पताका फहराकर सनातन संस्कृति के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्वामी जी का जीवन जनकल्याण के लिए समर्पित रहा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरी जी महाराज सनातन धर्म परंपरा के महान संत थे। सामाजिक व धार्मिक कार्यों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए उनके अनुयायियों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है।