देहरादून- सिपेट यानी सेंट्रल इंस्टिट्यूट आफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, जी हाँ सुनने में ये नाम अजीब सा लग सकता है मगर हकीकत यही है कि कभी त्रिवेंद्र सिंह रावत की महान उपलब्धि के रूप में जब काम गिने जाएंगे तो इस इंस्टिट्यूट का नाम भी महान उपलब्धियों में होगा. कैसे ये हम अपने पाठकों को बताते हैं…
दरअसल पूरे देश ही नहीं पूरी दुनिये में प्लास्टिक इंजीनीियर्स की कमी बहुत बड़ी तादाद में महसूस की जा रही है , वर्तमान में देश में ही 8 लाख प्लास्टिक इंजीनीियर्स की कमी है, केंद्र में त्रिवेंद्र सिंह रावत की जबरदस्त पैरवी के चलते उत्तराखंड का पहला और देश का बत्तीसवाँ सिपेट कल से डोईवाला देहरादून में प्राम्भ हो गया है, जिसका उद्घाटन केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने किया, आपको बताते चलें की सिपेट की भी मान्यता एक तरह से आई आई टी की तरह ही होगी, इसमें प्रथम चरण में 1500, दूसरे चरण में 2500 व तीसरे चरण में 3000 युवाओं को प्रक्षिशण दिया जाएगा।
हम अपने पाठकों को बताते चलें की सिपेट के बाद कैम्पस इंटरव्यू के माध्यम से ही 100 प्रतिशत रोजगार उत्तराखंड के युवाओं को मिल पायेगा, वहीँ केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के आग्रह पर कुमायूं के द्वाराहाट में भी एक सिपेट खोलने की मंजूरी भी उत्तराखंड को दे दी है, तो यकीनन प्लास्टिक इंजीनीियर्स की कमी जहाँ देश में उत्तराखंड के इन 2 सिपेट से दूर होगी, वहीँ उत्तराखंड में युवाओं को एक उच्च नौकरी और अच्छी कमाई के रास्ते भी सिपेट से खुलने वाले हैं, जिसके लिए यकीन त्रिवेंद्र सिंह रावत की मेहनत का युवाओं को शुक्रगुज़ार होना ही पड़ेगा।