डोईवाला- (जावेद हुसैन)- उत्तराखंड सरकार बेटियों के लिए भले ही करोड़ों रूपये खर्च कर पीठ थपथपा रही हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. जिसका जीता जागता उदाहरण मुख्यमंत्री की विधानसभा डोईवाला के एसडीएम पीजी कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं औऱ उनकी हो रही अनदेखी को देखकर लगाया जा सकता है।
उत्तराखंड रोडवेज की बसों में निशुल्क यात्रा करने का शासनादेश
मामला कॉलेज की उन छात्राओं का है जिन्हें सरकार द्वारा उत्तराखंड रोडवेज की बसों में निशुल्क यात्रा करने का शासनादेश है। पर सरकारी कर्मचारी सरकार के इस आदेश को दरकिनार कर रहे हैं। जब कॉलेज के बाहर कॉलेज यूनिफार्म में छात्रायें बस को रोकने का इशारा करती हैं तो बस कर्मचारी छात्राओं को अनदेखा कर बस रोकने से गुरेज करते हैं। जिसकी वजह से छात्राओं को निशुल्क यात्रा करने का लाभ नही मिल पा रहा है। जबकि डोईवाला के एसडीएम पीजी कॉलेज में 70% छात्रायें अध्यनरत है, और इस कॉलेज में अधिकांश छात्रायें ऋषिकेश, देहरादून, रानीपोखरी, छिद्रवाला, नेपाली फार्म, आदि दूर दराज क्षेत्रों से डोईवाला में पढ़ने आती हैं और प्रतिदिन छात्राओं का कॉलेज आना जाना होता है।
छात्राओं के लिए प्रशासन द्वारा शासनादेश पारित किया गया है, जिसके तहत पढ़ने वाली छात्राएं उत्तराखंड रोडवेज की बसों में निशुल्क सफर कर सकती हैं। साथ ही उत्तराखंड के सभी कॉलेज का छात्राओं को शासन द्वारा पास भी दिए गए हैं। लेकिन एसडीएम पीजी कॉलेज डोईवाला की छात्राएं रोडवेज कर्मचारियों के निकम्मेपन की वजह से निशुल्क सेवा का लाभ लेने से वंचित है।
बस रोकने के इशारे पर नहीं रोकते बस
कॉलेज से छुट्टी होने पर जब छात्राएं बस स्टॉप पर खड़ी बस को रोकने का इशारा करती हैं तो बस चालक छात्राओं की यूनीफार्म देख बस नहीं रोकते और छात्राएं किराया देकर ऑटो में जाने को मजबूर होती हैं।
छात्रों द्वारा कई बार इसकी शिकायत परिवहन विभाग को किये जाने के बावजूद भी शासन प्रशासन कार्यवाही करने से कतरा रहा है। बाल विधायक आशिफ हसन की मांग है कि परिवहन विभाग को शीघ्र इस पर संज्ञान लेना चाहिये, वर्ना छात्र छात्राएं उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
पत्र में बाल विधायक आसिफ हसन, सावन राठौर, विक्रांत, दीक्षा, मेहरबान, प्रियंका, सतविंदर, शाहबाज, आदि छात्र छात्राओं ने हस्ताक्षर किये।