बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारों धामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। प्राकृतिक आपदाओं के चलते कई दिनों तक यात्रा बाधित होने के बावजूद इस साल भी यात्रा ने नया रिकॉर्ड बनाया है। इस वर्ष 51 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किए हैं। बीते वर्ष के मुकाबले इस साल श्रद्धालुओं की संख्या 4 लाख 35 हजार 901 अधिक रही है।
30 अप्रैल को हुआ था चारधाम यात्रा का शुभारंभ
30 अप्रैल 2025 को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही इस साल चारधाम यात्रा का शुभारंभ हुआ था। इसके बाद 2 मई को केदारनाथ धाम और 4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुले थे। केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट पूर्व में बंद हो चुके हैं। जबकि 25 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं।
4 लाख 35 हजार 901 से अधिक श्रद्धालुओं ने किये दर्शन
बता दें बीते साल के मुकाबले इस साल 4 लाख 35 हजार 901 अधिक श्रद्धालु चारधाम दर्शन को पहुंचे। बीते साल कुल 46 लाख 69 हजार 74 तीर्थयात्री चारधाम यात्रा पर आए थे, जबकि इस साल यह आंकड़ा रिकॉर्ड वृद्धि के साथ 51 लाख 4 हजार 975 पहुंच गया।
केदारनाथ धाम पहुंचे सबसे अधिक श्रद्धालु
केदारनाथ में सबसे अधिक 17 लाख 68 हजार 795 श्रद्धालु पहुंचे हैं। इसी तरह बदरीनाथ में 16 लाख 60 हजार 224, गंगोत्री में 7 लाख 57 हजार 10 और यमुनोत्री में 6 लाख 44 हजार 505 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। वहीं हेमकुंड साहिब में पहली बार श्रद्धालुओं की संख्या 2 लाख 74 हजार 441 पहुंची है। इससे पहले वर्ष 2023 में 1 लाख 64 हजार 546 और वर्ष 2024 में 1 लाख 85 हजार 972 श्रद्धालु हेमकुंड साहिब पहुंचे थे।
शीतकालीन यात्रा की तैयारियां तेज
बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद अब शीतकालीन यात्रा की तैयारियां तेज हो गई हैं। बदरी विशाल भगवान की पूजा अब शीतकालीन प्रवास स्थल पांडुकेश्वर और नृसिंह भगवान मंदिर ज्योतिर्मठ में होगी। जबकि बाबा केदारनाथ की शीतकालीन पूजा ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ, मां गंगा (गंगोत्री) की पूजा मुखबा और मां यमुना (यमुनोत्री) की पूजा खरसाली में होती है।



