देहरादून – साल 2013 की आपदा के बाद सरकारें चार धाम यात्रा के लिए सतर्क हो गई हैं। आने वाले वक्त में उत्तराखंड की चार धाम यात्रा वाकई में सुगम और सुरक्षित हो जाएगी।
दरअसल केंद्र के सहयोग और एशियन विकास बैंक की मदद से राज्य की चार धाम तीर्थ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का सिंगल रजिस्टेशन होगा।
इस योजना में तकरीबन 22 करोड़ की लागत आएगी। यात्रियों के पंजीकरण का मुख्य काउंटर ऋषिकेश में बनेगा। इसके अलावा चार धाम यात्रा के रूट में भी छोटे-छोटे पंजीकरण केंद्र बनाए जाएंगे। सभी केंद्र एस सर्वर के जरिए एक दूसरे से कनैक्ट होंगे। ऋषिकेश में मुख्य केंद्र के लिए वन विभाग की तकरीबन साढ़े तीन हैक्टयर जमीन भी चिह्नित कर ली गई है।
यानि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अब सूबे में चार धाम यात्रा के लिए आने वाले हर यात्री पर स्मार्ट कार्ड के जरिए नजर रखी जाएगी। दो धाम या चार धाम के लिए अपना पंजीकरण कराने वाले तीर्थयात्रियों को चिप वाला एक स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा।
ये स्मार्ट कार्ड हर तीर्थ यात्री की सटीक लोकेशन बता देगा। हर धाम में तीर्थ यात्री अपने कार्ड को धाम में रखी मशीन से स्वैप करेगा और यात्री से जुड़ी हर जानकारी यात्रा पर निगरानी रख रहे केंद्र को पता चल जाएगी। किस धाम में कितने तीर्थयात्री पहुंच चुके हैं, कहां भीड़ बढ़ रही है, कहां यात्रा इतंजामात को दुरुस्त करने के लिए यातायात में बदलाव की दरकार है इन सभी जरूरतों का पता उस स्मार्ट कार्ड के जरिए पता चल जाएगा।
पर्यटन विभाग ने इसके लिए अपनी ओर से कवायद शुरू कर दी है। बाताया जा रहा है कि बरसात के दौरान किस रूट पर तीर्थयात्रियों की भीड़ बढ़ने से उनको मदद की दरकार है इसका पता भी स्मार्ट कार्ड से पता चल जाएगा।
वहीं किस धाम के दर्शन तीर्थयात्री ने कर लिए हैं और अब उनका आगे का सफर किस ओर है इसकी सटीक जानकारी भी सिंगल रजिस्ट्रेशन वाले स्मार्ट कार्ड से पता चल जाएगी। तय है कि अगर तय खाके पर काम हुआ और कोई विघ्न- बाधा नहीं आई तो आने वाले वक्त में सूबे की चारधाम यात्रा सुखद, सुगम और सुरक्षित बन जाएगी।