देहरादून। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चार धाम की यात्रा पर आने वाले यात्रियों को भी भरोसा दिलाया है कि यात्रा सुरक्षित है और यात्रा में आने वाले लोगों को कोई खतरा नहीं है। हरीश रावत ने कहा है कि स्थिती पूरी तरह से काबू में है और हर यात्री की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है।
बारिश से पैदा हुई हालात को देखते हुए और भविष्य में किसी अनहोनी से होने वाले नुकसान को कम से कम करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने कई और कदम उठाए हैं। राज्य सरकार ने सभी जिलों को आपदा फंड में 15-15 करोड़ रुपए की अतिरिक्त धनराशि दी है। इसके साथ ही मलबे में दबी सड़कों को खोलने के लिए रिस्पांस टाइम कम करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रभावी राहत पहुंचाने के लिए एसडीआरएफ की दो नई टीमें भी गठित की जा रही हैं। इसके साथ ही मोबाइल कनेक्टिविटी को और दुरुस्त करने के निर्देश भी दिए गए हैं। राज्य सरकार ने अंधेरे में राहत कार्यों के बाधित होने की परेशानी को देखते हुए पीडब्लूडी को पोर्टेबल जेनसेट की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
वहीं मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चमोली और पिथौरागढ़ में भारी बारिश से हुए नुकसान के बारे में और वहां चलाए जा रहे राहत कार्यों के बारे में भी अधिकारियों से जानकारी ली। प्रभावित और अर्ध प्रभावित गांवों में 15 से 30 दिनों तक राशन सरकार की ओर से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बारिश के मौसम तक अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं।
चमोली और पिथौरागढ़ में भारी बारिश से हुई जानमाल के नुकसान के बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत खुद ही राहत और बचाव कार्यों की कमान संभाल रहें हैं।। हरीश रावत ने रविवार को राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारियों के साथ सचिवालय में वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के जरिए बारिश से पैदा हुए हालातों पर चर्चा की और अधिकारियों को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भरोसा दिलाया है कि राज्य की मशीनरी किसी भी हालात से निपटने में सक्षम है। वहीं मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अधिकारियों से ऐसी किसी भी परेशानी से निपटने के लिए रिस्पांस टाइम को और कम करने के निर्देश भी दिए हैं।