नई दिल्ली: लाॅकडाउन-2 की घोषणा के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देशभर के लिए एक गाइडलाइन जारी की थी। जिसमें तय किया गया था कि 20 अप्रैल के बाद कुछ क्षेत्र में छूट दी जाएगी। उस गाइडलाइन में संशोधन की केंद्र ने कुछ दूसरे क्षेत्रों को भी अनुमति देने का निर्णय लिया है।
संशोधन के बाद जारी निर्देश में ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियां, जलापूर्ति, सफाई के कार्य और गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों और को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसायटीज का संचालन शामिल है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर इस संबंध में जरूरी कदम उठाने को कहा है। केंद्रीय गृह सचिव ने राज्यों में अनुसूचित जनजातियों और वन क्षेत्रों में वनों पर निर्भर लोगों से माइनर फॉरेस्ट और नॉन टिंबर फॉरेस्ट प्रोड्यूस को खरीदने और अन्य व्यवस्था करने को कहा है। तीन मई तक चलने वाले लॉकडाउन के दौरान इन गतिविधियों की मंजूरी रहेगी।
गृह मंत्रालय ने ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों को प्रारंभ करने, जलापूर्ति एवं सफाई, पावर ट्रांसमिशन लाइन बिछाने और टेलीकॉम ऑप्टिकल फाइबर व केबल बिछाने के काम करने की भी अनुमति दी है। हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों समेत विभिन्न गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों और माइक्रो फाइनेंस संस्थानों को भी न्यूनतम स्टाफ के साथ काम करने की मंजूरी होगी। बांस, नारियल, कोको और मसालों की खेती, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, बिक्री व मार्केटिंग को भी लॉकडाउन के दौरान अनुमति रहेगी।